दशावतार विष्णु मंदिर के भद्र कोष्ठों में विष्णु रूपों में शेषशाही विष्णु, गजेंद्र मोक्ष एवं नर नारायण के तीन विशाल प्रतिमाओं का अंकन किया गया है। इन मूर्तियों में तत्कालीन शिल्पियों की कुशलता का उत्कृष्ट उदाहरण दिखाई देता है। इन प्रतिमाओं में शरीर की भाव-भंगिमाएं, उनकी शांडिल्यता, वेशभूषा, आभूषण, केशसज्जा आदि कला में उत्कृष्टता दिखाई देती है। इन प्रतिमा लक्षणों के आधार पर मूर्तियों की क़ैसे पहचान की जाती है, इसके बारे डॉ. सिसोदिया ने छात्रों को विस्तार से समझाया। इसके बाद जैन मंदिरो का भ्रमण किया, जिसमें छात्रों को बताया कि जैन तीर्थंकरों की पहचान उनके लांछनों के आधार पर कैसे की जाती है।