डॉ उस्मान ने हाल ही में आइईईई स्पेक्ट्रम में प्रकाशित उनकी रिसर्चÓ कोविड डिटेक्शन पर्सन स्पीच सिग्नलÓ के माध्यम से इसके बारे में बताया। जिस पर अभी तेजी से काम चल रहा है, जो भविष्य में जल्द ही उपलब्ध होगा। उन्होंने इस दौरान स्पीच सिग्नल के माध्यम से कफ फीवर, हार्ट रेट, ऑक्सीजन लेवल सभी पैरामीटर को ह्यूमन स्पीच से कैसे मापा जा सकता है, उसके बारे में जानकारी दी। वेबिनार में आइटीएम के वाइस चांसलर डॉ एसएस भाकर ने नॉन इन्वेसिव बायोमेडिकल डिवाइस और नॉन इन्वेसिव एंड इन्वेसिव टीटमेंट के बारे में बताया। वहीं प्रो वाइस चांसलर डॉ एसके नारायण खेड़कर ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के कारण हेल्थ सेक्टर में आए परिवर्तन को मानव उपयोगी बताया।
स्पीच सिग्नल डिवाइस से घर बैठे कर सकेंगे कोविड टेस्ट
डॉ उस्मान के मुताबिक अभी तक कोविड टेस्ट के लिए पीसीआर या एंटीजन टेस्ट कराने के लिए असुरक्षित माहौल में घंटो लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। फिर रिपोर्ट का कुछ दिन इंतजार करना पड़ता है। जब ये विशेष डिवाइस आ जाएगा तो घर बैठे ही हम टेस्ट कर सकेंगे। इस खास तकनीक में स्पीच सिग्नल को हम बायोमेडिकल सिग्नल की तरह यूज करते हैं, जिससे हम आवाज से ही कोविड टेस्ट या बायोमेडिकल सिस्टम जैसे फीवर, बीपी, हार्ट रेट, ऑक्सीजन लेवल आदि की माप करते हैं। स्पीच में वॉइस सिग्नल, फ्रिक्वेंसी, ब्रीथिंग फ्रिक्वेंसी, कफ, इमोशनल कंडीशन के आधार पर जांचते हैं। जो सामान्य और बीमार व्यक्ति की अलग होती है। इस डिवाइस फंक्शन के अंतर्गत डाटा सेट तैयार रहता है, जो कोविड के लक्षण या अन्य बायोमेडिकल सिस्टम को डायग्नोस करेगा। इस डिवाइस की एक्यूरेसी 70 प्रतिशत तक है।