प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया बच्चे कोटा वाला मोहल्ला से करीब 200 मीटर की दूरी पर नाले किनारे मैदान में खेल रहे थे। उस दौरान उनकी बॉल नाले में चली गई। अभय बॉल उठाने गया। जिस जगह पर बॉल गिरी वहां काफी पानी और बहाव है। अभय गहराई में से बॉल उठाने की कोशिश में डूब गया। तेज बहाव में बहता चला गया। उसे डूबता देखा तो दोनों दोस्त भी घबरा गए। दोनों ने उसे बचाने के लिए शोर मचाया फिर डरकर वहां से भाग गए।
हादसे का पता चलने पर खाद्य मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर भी शव परीक्षण गृह पहुंच गए। लोगों ने बताया कि सुनीता और विमला का सिर्फ अभय ही सहारा था। सुनीता के पति और पिता दोनों का निधन हो चुका है। उनकी माली हालत भी खराब है। पीडि़त परिवार को मंत्री तोमर ने रेडक्रॉस से मौके पर पहुंचकर 4 लाख की आर्थिक दिलाने का भरोसा दिलाया।
जैसा कि प्रत्यक्षदर्शी आशीष चौहान ने पत्रिका को बताया कि घर पर निर्माण कार्य चल रहा है मजदूर काम कर रहे थे। अभय के डूबने पर उसके साथियों ने शोर मचाया तो मजदूरों की उस पर नजर पड़ी। उन्होंने बताया कि बच्चा डूब रहा है तो उसे बचाने के लिए मैं नाले में कूद गया। अभय को पकडऩे की कोशिश की, लेकिन उसका हाथ छू पाया था कि वह गोता खा गया। उसके बाद करीब डेढ़ घंटे तक उसे नाले में ढूंढा लेकिन उसका पता नहीं चला। फिर फायर बिग्रेड और पुलिस को भी कॉल किया। उसके बाद काफी तलाशा लेकिन उसे जिंदा नहीं बचा सके।
अभय के नाले में डूबने का पता चलने पर नानी विमला और मां सुनीता रोती बिलखती मौके पर पहुंची। उस समय तक लोग अभय को बचाने के लिए नाले में कूद चुके थे। करीब दो घंटे से ज्यादा तक नाले की सर्चिंग में मेदाई मोहल्ले के पास बगिया किनारे अभय का शव पानी के अंदर दलदल में फंसा मिला। लोग उसे निकाल कर बाहर लाए तो बेटे का शव देखकर मां और नानी दोनों बदहवास हो गईं। विमला का कहना था कि अभय रोज उनसे टॉफी के लिए पांच रुपए मांगता था। अब कौन उनसे पैसा मांगेगा।