ग्वालियर

हमारे देश में सोलह संस्कार की अहमियत

शिक्षाविद् डॉ. आर पी गुप्त ने कहा कि हमारे समाज में संस्कारों का बहुूत महत्व है।संस्कार कमजोर होते हैं तो हमारा समाज भी

ग्वालियरApr 19, 2018 / 05:00 pm

Gaurav Sen

दतिया। शिक्षाविद् डॉ. आर पी गुप्त ने कहा कि हमारे समाज में संस्कारों का बहुूत महत्व है।संस्कार कमजोर होते हैं तो हमारा समाज भी कमजोर हो जाता है। संस्कारों की कमी के कारण ही देश का माहौल खराब हो रहा है। डॉ गुप्ता बुधवार की शाम पीतांबरा पीठ पर आयोजित भगवान परशुराम जयंती कार्यक्रम के दौरान संस्कृत गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

इस दौरान कार्यक्रम में हिंदी सभा की अध्यक्षता हरियाणा यमुनानगर से आए वेदांती कृष्णचंद्र पंत ने की। डॉ गुप्ता ने आगे कहा कि हमारे देश में 16 संस्कारों का शुरू से ही महत्व रहा है। गर्भाधान संस्कार से हम देश व समाज को सही दिशा देने वाली संतान उत्पन्न कर सकते हैं।

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उन्होने कहा कि महान पुरुषों की जयंती मनाने का उद्देश्य हमें महान बनने की प्रेरणा मिलती है। हिंदी सभा का संचालन न्यासी हरीराम सांवला ने किया।संस्कृत गोष्ठी को रामसेवक पाठक, डॉ चंद्रमोहन दीक्षित, कमलेश दुबे, दीपक पुरोहित, धर्मेन्द्र भार्गव आदि ने भी संबोधित किया। गोष्ठी का संचालन लवलेश मिश्र ने किया।

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स्वास्ति वाचन से शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ पीठ के वेद विद्यालय के छात्रों द्वारा स्वस्ति बाचन से किया गया। बुधवार की सुबह पीठ पर बिराजमान भगवान परशुराम के बिग्रह का अभिषेक किया गया। इसके बाद भक्तों को प्रसाद के रूप में सत्तू एवं लस्सी का वितरण किया गया। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार १९ अप्रैल को पीतांबरा माई की जयंती मनाईजाएगी।

भगवान का नाम लेने से मिलती है शांति
खूजा , जिस घर में भगवान का नाम नियमित रुप से लिया जाता है। वहां सुख समृद्धि व शांति बनी रहती है। उक्त बात कथा व्यास पं. अनूप शास्त्री ने ग्राम सोहन में माता मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कही। उन्होने कहाकि भगवान की लीला अपरंपार है। वह अपनी लीला के माध्यम से धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते है।
पं. शास्त्री ने श्रीमद् भागवत कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है। आवश्यकता है कि निर्मल मन और स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत कथा से मनुष्य को परमानंद की प्राप्ति होती है।

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