कोर्ट में कर दी गलती
दरअसल, पीड़िता का आरोप था कि उसके प्रेमी और 2 दोस्तों ने एक आपत्तिजनक वीडियो को सोशल मीडिया में शेयर करने की धमकी दी थी। इसी वीडियो को जब पॉक्सो कोर्ट में पीड़ित नाबालिग को दिखाया गया तो वह खुद को वीडियो में पहचान ही नहीं पाई। पीड़िता ने इंकार कर दिया कि वीडियो में जो लड़की संबंध बनाते हुए दिख रही है वो वह नहीं है। इससे पीड़िता का केस कमजोर पड़ गया और पर्याप्त सबूत न होने के कारण कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया। आरोपियों के वकील ने बताया कि दो आरोपी 90 दिन और तीसरा आरोपी 96 दिन जेल में रहा था। यह भी पढ़ें
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