ग्वालियर

भारत में इस जगह है मंशापूर्ण शिवलिंग,1000 साल पुराने मंदिर से जुड़े हैं कई रहस्य जो अब तक नहीं सुलझे

भारत के प्राचीनतम नगरों में से एक सिहोनिया में मंशापूर्ण शिवलिंग स्थापित है। 1000 साल पुराने इस मंदिर से कई रहस्य जुड़े हैं, जिसकी गुत्थी अब तक नहीं सुलझ पाई है। ये मंदिर लगता है कि अभी गिरने वाला है, लेकिन पिछले हजार सालों से ऐसे ही खड़ा है।

ग्वालियरJul 10, 2017 / 11:10 am

shyamendra parihar

kakanmath mandir

ग्वालियर/मुरैना। पत्थरों के ढेर जैसे दिखने वाले ककनमठ शिव मंदिर का पुरातात्विक ही नहीं आध्यात्मिक भी महत्व है। अपने इतिहास को लेकर हमेशा कौतूहल का विषय रहे स्थापत्य कला के इस बेजोड़ नमूने में अंदर विशाल मंशापूर्ण शिवलिंग स्थापित है। मान्यता है कि पुराने समय में लोग इसकी पूजा-अर्चना कुओं में पानी के लिए करते थे।


भग्नावस्था में भी अपने मूर्तिशिल्प को संजोए हुए विशाल चबूतरे पर निर्मित यह शिवमंदिर बिना चूना-गारे और कई जगह बेतरतीब पत्थरों पर सधा हुआ है। लोग इसे मंशापूर्ण शिवलिंग का ही चमत्कार मानते हैं। आसपास के गांवों के लोग कहते हैं कि इस मंदिर पर कभी कोई हादसा नहीं हुआ। यह भगवान शिव की ही कृपा है। बावरीपुरा गांव के रामकुमार सेंथिया कहते हैं कि यहां हर मनोकामना पूरी होती है। वे कहते हैं कि हम बचपन में मंदिर की चोटी तक चढ़ जाया करते थे।




मंशापूर्ण शिवजी का नाम लिया तो बच गई जान
सिहोनिया गांव के विश्वनाथ व्यास एक बार ऊपर चढ़ गए और आसन लगाकर बैठ गए तभी पत्थर टूटा और वे नीचे गिरे, लेकिन उन्होंने मंशापूर्ण शिवजी का ध्यान किया तो वे जिंदा बच गए। इस पर वे जीवित रहने तक रोज गाय के साथ मंदिर आकर अभिषेक करते रहे। अभी भी यदि सच्चे मन से कोई मंशापूर्ण शिवमंदिर में आराधना करता है और मनौती मांगता है तो वह पूरी होती है।


इतिहास को लेकर स्पष्ट मत नहीं
सास-बहू अभिलेख के आधार पर यह माना गया है कि ककनमठ मंदिर का निर्माण 11वीं सदी में कछवाह राजा कीर्तिराज ने अपनी शिवभक्त रानी ककनावती के लिए 1015 से 1035 के बीच करवाया था। सिहोनिया के उत्तर-पश्मिच में चार किमी दूर स्थित खजुराहो शैली में बने ककनमठ की ऊंचाई 115 फीट के करीब है। निर्माण में कहीं मशाले का उपयोग नहीं दिखता है। मंदिर देखकर लगता है कि यह गिरने वाला है, लेकिन एक हजार साल से ऐसा ही खड़ा है।



मंदिर से जुड़े हैं कई रहस्य
लोग कहते हैं कि ये मंदिर भूतों ने एक रात में बनाया था और आज भी रात में मंदिर के परिसर में कोई रूक नहीं पाता। यही नहीं इसके अलावा यहां और कई रहस्य हैं, जो अभी तक सुलझे नहीें हैं। मंदिर 1000 साल पुराना है और कंकड़ों से बनाया है। ऐसा लगता है कि ये अभी गिर पड़ेगा, लेकिन गिरता नहीं है। ये मंदिर अपने आप में एक रहस्य है और अब तक इसके रहस्य कोई सुलझा नहीं पाया है।





Hindi News / Gwalior / भारत में इस जगह है मंशापूर्ण शिवलिंग,1000 साल पुराने मंदिर से जुड़े हैं कई रहस्य जो अब तक नहीं सुलझे

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.