इस मौके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा संत ज्ञान की खान होते हैं और मोक्ष प्राप्ति के लिए उनका आशीर्वाद और सानिध्य मानव जीवन के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा संत समाज का कल्याण करते हैं साथ ही देश की राजनीति को समाजहित में सही दिशा देने वाले होते हैं। बापू के आशीर्वाद से मेरा जीवन धन्य हुआ। बापू की कथा ने पूरे भिण्ड नहीं, बल्कि मेरे पूरे ग्वालियर अंचल को राममयी बना दिया। इसलिए आपके दर्शन के बिना रह न सका। संत मुरारी बापू ने सिंधिया को शॉल ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया और कहा आप जैसे स्वच्छ छवि के लोग राजनीति में हों ये देश के लिए आवश्यक है। बापू ने कहा नेतृत्व करने वाला यदि सही मार्ग पर चले तो ही किसी क्षेत्र का विकास संभव है।
राजनीति समाजसेवा का सशक्त माध्यम है। इससे पहले सिंधिया का गोहद विधयाक रणवीर जाटव, मेहगांव विधायक ओपीएस भदौरिया, प्रदेश सचिव अशोक चौधरी, जिलाध्यक्ष जयश्रीराम बघेल, पूर्व विधायक शिवशंकर समाधिया, बाबा सैंथिया, प्रवक्ता अनिल भारद्वाज, डॉ. तरुण शर्मा, सुभाष राठौर, रामहरि शर्मा, रामशेष बघेल आदि ने स्वागत किया।
किष्किंधा कांड पर ये कहा…
किषकिन्धा काण्ड में जब राजा सुग्रीव हनुमान जी को रामलक्ष्मण के बारे में जानकारी लेने के लिए भेजता है तब हनुमान जी ब्राम्ह्मण के भेष में थे। राम जबाव नहीं देते। वाल्मीक रामायण में स्पष्ट लिखा है राम लक्ष्मण से कहते हंै यह ब्राम्ह्मण जिस भाषा में बोल रहा है उससे स्पष्ट है कि यह चारों वेद का ज्ञाता है। इस ब्राम्ह्मण को सुनने में मुझे आनन्द हो रहा है। यह प्रकाण्ड विद्वान है। यह एक साधारण मनुष्य नहीं एक ज्ञानी ही बोल सकता है पूरे ग्रंथ का सार यही है।
हनुमान में चार प्रकार की पवित्रता
बापू ने कहा, इसका मतलब पवन पुत्र और पवन सुत होता है हनुमानजी में चार प्रकार की पवित्रता है। प का अर्थ पवित्रता हनुमान जैसी पवित्रता किसी में नहीं मिलेगी। हनुमान स्वयं स्वर्ण है। व का अर्थ वनचर अर्थात वनचर है। पवन तनय शाखा मृग हैं वन निवासी हैं गोस्वामी तुलसीदास कहते है, हनुमान नीति निपुण है, हनुमान नीति निर्धारक हैं, हनुमान में अर्थ पावित्रय है, हनुमान काम पावित्रय है, मोक्ष पावित्रय हैं, विनम्रता के आचार्य हैं हनुमान जी यज्ञ पुत्र है, यज्ञप्रसाद हैं।