जिले में स्कूल चलें हम अभियान के तहत लक्ष्य पूरा करने के चक्कर में पिछले पांच साल में स्कूलों में फर्जी तरीके से प्रवेश देने का खुलासा हुआ है। यह फर्जीबाड़ा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सामने तब आया जब 2011-12 की जनसंख्या के आधार पर जिले में ६ साल से 13 साल तक की उम्र के बच्चों की संख्या का विश्लेषण किया गया। प्राइमरी से मिडिल तक के छात्रों की संख्या, जिले में इस उम्र के बच्चों की संख्या से अधिक होने पर अफसरों के कान खड़े हुए। इसके बाद जब फर्जी प्रवेश रोकने के इंतजाम किए गए तो सरकारी व निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या में गिरावट आने लगी।
पिछले पांच साल में सवा दो लाख छात्र कम हो गए। लेकिन, फर्जी तरीके से प्रवेश देकर सरकार की योजना को पलीता लगाने वाले चेहरों को चिह्नित कर उन पर अब तक कोई कार्रवाई शिक्षा विभाग नहीं कर सका है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने फर्जी प्रवेश पर शिकंजा कसने के लिए स्कूलों में छात्रों के प्रवेश के साथ ही समग्र आइडी और आधार कार्ड नंबर लिए जाना अनिवार्य किया तो स्थिति में सुधार होने लगा है।
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पिछले पांच साल में छात्रों के रजिस्ट्रेशन पर बात करें तो वर्ष 2013-14 में जिले में प्राइमरी से मिडिल स्कूल में पढऩे वाले छात्रों की संख्या ५ लाख ६९ हजार ३ सौ २७ थी। यह संख्या चालू सत्र वर्ष २०१७-१८ में ३ लाख ४४ हजार २ सौ २४ रह गई। वर्तमान में दर्ज छात्रों की संख्या जिले में बच्चों की संख्या से करीब चालीस हजार अधिक है।
40 हजार छात्र दूसरे जिले के
जिला शिक्षा केंद्र द्वारा तैयार किए गए बच्चों की संख्या के आंकड़े के मुताबिक वर्तमान में ३ लाख, एक हजार, तीन सौ साठ बच्चे जिले में हैं। वहीं प्राइमरी से मिडिल तक के छात्रों की संख्या ३ लाख ४४ हजार ४ सौ १९ दर्ज है। करीब ४३ हजार अधिक छात्र संख्या दर्ज होने के पीछे आसपास के जिलों के छात्रों के ग्वालियर शहर में रहकर पढ़ाई किए जाने की बात कही जा रही है।
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समग्र आइडी से कम हुई संख्या
वर्ष छात्रों की संख्या
२०१३-१४ ५, ६९,३२७
२०१४-१५ ४, १३,१४४
२०१५-१६ ३, ५३, ५२९
२०१६-१७ ३, ४९,२२४
२०१७-१८ ३, ४४,४१९
जिले में सरकारी एवं निजी स्कूलों के छात्रों में हर साल इस तरह आई गिरावट
वर्ष सरकारी निजी
२०१३-१४ १,५९, ३६३ ४, ०९,९६४
२०१४-१५ १,४१, ९२३ २, ७१, २२१
२०१५-१६ १, २५, ०२३ २,२५, ४९३
२०१६-१७ १, १६, १३९ २, ३३, ०२५
२०१७-१८ १, १२, ७९० २, ३१, ६२९
जिले में पिछले पांच साल गलत तरीके से पंजीयन किए गए। अब समग्र आइडी हर छात्र की दर्ज हो रही है। जिले के छात्रों की संख्या के हिसाब से सही अनुपात में प्रवेश दिया जा रहा है।
विजय दीक्षित, डीपीसी, जिला शिक्षा केंद्र