ग्वालियर

ग्वालियर-चंबल में बारिश : 4000 कच्चे घर ढहे, पुल-पुलिया टूटीं, 1500 लोग रेस्क्यू किए गए, 17 की मौत, 2 बहे

Rain Disaster : ग्वालियर-चंबल अंचल में 42 घंटे से जारी भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। एनडीआरएफ की टीम पहुंच नहीं सकी, एसडीआरएफ ने संभाले रेस्क्यू ऑपरेशन। कुछ इलाकों में सेना की मदद ली गई। यहां देखें अंचल में तबाही के हालात।

ग्वालियरOct 28, 2024 / 03:35 pm

Faiz

Rain Disaster in Gwalior Chambal : बंगाल की खाड़ी में बने डीप डिप्रेशन एरिया से मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल में लगातार हो रही बारिश तबाही मचा रही है। मौसम विभाग के शुक्रवार को सामने आए अपडेट के अनुसार, 4 दिन और क्षेत्र में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। गुजरे हालातों पर गौर करें तो यहां बीते 42 घंटों में मानों कई इलाकों के लिए आसमान से आफत बरसी है। बारिश के चलते यहां कई गांवों में करीब 4 हजार से अधिक कच्चे मकान ढह गए हैं।
हालात ये हैं कि अंचल में जारी भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से बचाव के लिए सेना बुलानी पड़ी और संभाग भर में फंसे 1500 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया. अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है. चालीस घंटे से अधिक समय से जारी बारिश ने ग्वालियर-चंबल अंचल को जलमग्न कर दिया है। बाढ़ में 105 गांव पूरी तरह डूब चुके हैं, जबकि 300 से अधिक गांव इससे प्रभावित हैं। 80 से ज्यादा पुल और पुलिया डूब चुके हैं और दर्जनों क्षतिग्रस्त हैं। अंचल के 85 रास्ते बंद हो जाने से कई शहरों का एक-दूसरे से संपर्क टूट गया है।
यह भी पढ़ें- School Holidays : 3 दिन के लिए स्कूलों की छुट्टी घोषित, भारी बारिश के रेड अलर्ट के चलते आदेश जारी

17 लोगों की मौत

आपदा में अब तक 17 लोगों की जान जा चुकी है। ग्वालियर जिले में कक्षा 9 का छात्र मनोज जाटव नाले में बह गया था, जिसका शव 24 घंटे बाद मिला। वहीं, सेन्थरी में मुकेश बघेल, कोसा में अमन रावत, और जखारा में उमा बघेल की घर के ढहने से मलबे में दबकर मौत हो गई। ग्राम मेहदपुर में राकेश बघेल की 45 और सूखा पठा में 5 बकरियाँ बहकर मर गईं। आरोली और छोई में पांच गाय और भैंस भी मर गईं।

दीवार ढहने से मौत की नींद सो गया परिवार

अंचल में सबसे अधिक मौतें दतिया में हुईं, यहां किले की लगभग 400 साल पुरानी बाहरी दीवार तलहटी में बने तीन मकानों पर आ गिरी। दीवार का 50 फीट हिस्सा गिरने से घर में सो रहे निरंजन (60), उनकी पत्नी ममता (55), बेटी राधा (25), बेटे शिवम (22) और सूरज (18), बहन प्रभा (56), और जीजा किशन की दबकर मौत हो गई। बाहर सो रहे मुन्ना (59) और भांजे आकाश (25) गंभीर रूप से घायल हुए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ग्वालियर जिले में बारिश के प्रभाव में 4 की मौत हुई। शिवपुरी के भौंती क्षेत्र मकान का छज्जा गिरने से 1 महिला की मौत हो गई। भिंड के मिहोना और लहार में भी मकान ढहने से 1-1 महिला की मौत हो गई। मौजूदा समय में भी नोन नदी, पार्वती, सिंध नदी उफान पर है। इन नदियों के पानी ने आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कहर बरपा दिया है। नदी किनारे बसे लोगों के मकान और खेत पूरी तरह से डूब गए हैं।

यह भी पढ़ें- ग्वालियर-चंबल में जानलेवा बारिश : 7 की मौत, 525 लोगों को किया रेस्क्यू, अगले 4 दिन भारी बारिश का रेड अलर्ट

बचाव कार्य में जुटा प्रशासन

प्रशासन, जनपद पंचायत और अन्य विभागों की संयुक्त टीमों ने एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रबंधन दल) ने आदिवासी का पुरा उटीला से 15 लोगों, सासन भितरवार से 38, नंदों का डेरा डबरा से 70, खेड़ीरायमल और सेंकरा डबरा से लगभग 140, गुरुनानक नगर डबरा से करीब 135 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। ग्राम इकहरा तहसील तानसेन से लगभग 50 लोगों को निकाला गया। ग्राम मिलघन और लिधौरा से भी करीब 40 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है।

सीएम मोहन की हालातों पर नजर

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद भी लगातार अंचल में जारी बारिश और बाढ़ के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। जरूरत पड़ने पर एनडीआरएफ को मदद के लिए बुलाया गया। हालांकि, मौसम की खराबी के कारण हैदराबाद से एनडीआरएफ और हेलीकॉप्टर नहीं आ सके। आखिरकार एसडीआरएफ को ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा। कुछ जगहों पर सेना को सहायता के लिए बुलाना पड़ा। इधर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने हादसों में हताहत हुए लोगों के परिजन को चार-चार लाख रूपए आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की है।

यह भी पढ़ें- मगरमच्छ ने ई-रिक्शा से लगाई छलांग, सड़क पर मच गई अफरा तफरी

डबरा-भितरवार सबसे ज्यादा प्रभावित

ग्वालियर में बाढ़ से सबसे अधिक डबरा और भितरवार प्रभावित हुआ है। डबरा-भितरवार के गांव में पार्वती और नोन नदी में आई बाढ़ ने कहर बरपाया है। वहीं, जो तालाब बीते कई सालों से नहीं भरे थे वो फिलहाल लबालब हो चुके हैं। उनके फूटने की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों ने जिले के बाढ़ नियंत्रण केंद्र में सूचित किया है।

घाटीगांव में एक बहा, मकान गिरा, 1 की मौत

ग्वालियर जिले के घाटीगांव के अंतर्गत पाटई नाले में एक व्यक्ति तेज बहाव में बहने की सूचना जिला प्रशासन को मिली। इसके अलावा जखारा ग्राम में एक कच्चा मकान गिरने से उमा बघेल, ग्राम सेंथरी में कच्चा मकान गिरने से मुकेश बघेल और ग्राम कोसा में कच्चे मकान के गिरने से अमन पुत्र धर्मेन्द्र रावत की मौत हो गई।

सेना ने लोगों को सुरक्षित निकाला

जिले में अतिवृष्टि से निर्मित हुई जल भराव की स्थिति से प्रभावित गांवों व शहरी क्षेत्र में सेना की भी मदद ली जा रही है। आर्मी केंट मुरार की दो बड़ी टीमें बचाव कार्य में सहयोग के लिए आ गई। एक टीम मुरार क्षेत्र में और दूसरी टीम डबरा क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्य में सहयोग करने में जुटी है।
यह भी पढ़ें- एमपी के 10 वर्ल्ड फेमस पिकनिक स्पॉट्स, मानसून में यहां के नजारे कभी भूल नहीं पाएंगे आप

नहर-नदी उफनी, दर्जनों गांव खाली कराए

  • हरसी बांध के वेस्ट वीयर्स पर पानी का लेवल 7 फीट पहुंचने पर पार्वती उफान पर है।
  • इसकी जद में आने वाले गांवों में ट्रैक्टर ट्रॉली में सामान भरकर लोग सड़कों पर आ गए हैं।
  • नोन नदी के उफान को देखते हुए निचले इलाकों को खाली कराया गया है। पार्वती नदी क्षेत्र के मछरया, जतरती, धोबट, सिला, पलायछा खाली कराए गए हैं।
  • नोन नदी का पानी गांव में घुसने की वजह से पचौरा, दौनी मेना, बेरखेड़ा, नोन की सराय को खाली कराया गया। उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
  • लोगों ने प्रशासन के राहत शिविरों और धार्मिक स्थलों में आसरा ले रखा है। कई लोग बाहर रहने वाले अपने रिश्तेदारों के घरों में आसरा लिए हुए हैं।
  • पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।

हरसी हाई लेवल नहर में दो जगह क्रेक

हरसी बांध से भिंड जिले के मौ तक जाने वाली हरसी हाई लेवल नहर में दो जगहों पर क्रेक आ गया है। बरसाती नाले और खेतों का पानी आने से नहर में क्षमता से डेढ़ गुना आवक बढ़ गई है। इससे नहर ओवर फ्लो हो गई है। यही नहीं दो स्थानों पर नहर में क्रेक भी पड़ गए हैं। नहर का पानी नालों में जाने से छीमक पर मेगरा उफान पर आ गया है।

Hindi News / Gwalior / ग्वालियर-चंबल में बारिश : 4000 कच्चे घर ढहे, पुल-पुलिया टूटीं, 1500 लोग रेस्क्यू किए गए, 17 की मौत, 2 बहे

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.