भविष्य की प्लानिंग को देखकर बनाया है प्लांट
रेलवे यार्ड में बनाए बनाए गए री- साइकिलिंग प्लांट को भविष्य में बढऩे वाली ट्रेनों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। अभी प्लेटफॉर्म चार के बाहर कु छ भवनों की तोडफ़ोड होनी है। उसके बाद तीसरी और चौथी लाइन का काम होना है। इसमें कुछ ट्रेनों को यहां से बढ़ाया जाएगा। इसको देखते हुए इसे तैयार किया गया है।
अधिकारी नहीं देखते फैलता है पानी
रेलवे ने बोगियों की धुलाई का काम प्राइवेट कंपनी को दिया है। जिसमें यह कर्मचारी बोगियों को धोने के लिए पानी का पाइप लगाकर खूब पानी फैलाकर इन बोगियों की धुलाई करते है। इसमें रेलवे के अधिकारी इस बहते हुए पानी को नहीं देखते है। इससे काफी मात्रा में पानी नालियों में बहता रहता है। लेकिन अब पानी का री- साइकिल होने से यह पानी दोबारा से इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इन ट्रेनों की होती है धुलाई
ग्वालियर से चलने वाली चंबल एक्सप्रेस, बरौनी एक्सप्रेस, इंदौर इंटरसिटी, बुंदेलखंड एक्सप्रेस,भोपाल इंटरसिटी, सुशासन एक्सप्रेस, पूना ग्वालियर , ग्वालियर आगरा शटल, ग्वालियर भिंड आदि ट्रेनों की धुलाई यहीं पर होती है।
इन ट्रेनों का पानी हो रहा री- साइकिलिंग
री- साइकिलिंग प्लांट में अभी बरौनी, बुदेलखंड एक्सप्रेस और चंबल एक्सप्रेस में धुलाई शुरु हो गई है। इस तीनों ही ट्रेनों में ६० कोचों की धुलाई हर दिन होती है। इसमें रेलवे एक कोच में दो सौ लीटर पानी लेती है। इसके हिसाब से ६० कोचों में बारह हजार लीटर पानी कारी- साइकिलिंग रेलवे ने करना शुरु कर दिया है। जल्द ही रेलवे अन्य ट्रेनों की धुलाई भी शुरु करने पर विचार कर रहा है।
इनका कहना है
यार्ड में पिछले काफी समय से री- साइकिलिंग प्लांट का काम चल रहा था। अभी सितंबर महीने में ही इसे शुरु किया गया है। जिसमें अभी तीन ट्रेनें चल रही है। भविष्य में अन्य ट्रेनों की भी धुलाई का काम शुरु होगा।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ , झांसी मंडल