scriptबारह हजार लीटर पानी हर रोज नालियों में बहने से बचा , रेलवे अब कर रहा री- साइकिलिंग | railway station par pani ki bachat | Patrika News
ग्वालियर

बारह हजार लीटर पानी हर रोज नालियों में बहने से बचा , रेलवे अब कर रहा री- साइकिलिंग

रेलवे यार्ड में बुदेलखंड आरै ताज साइडिंग में ट्रेन की धुलाई होती है।

ग्वालियरNov 03, 2019 / 05:56 pm

Neeraj Chaturvedi

railway station par pani ki bachat

railway station par pani ki bachat

ग्वालियर. रेलवे यार्ड में वर्षों से ट्रेन की बोगियों की धुलाई में हर रोज हजारों लीटर पानी बहता आ रहा है, लेकिन अब रेलवे ने इस पानी का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है। यार्ड में बोगियों से नालियों में बहने वाला पानी अब रि- साइकिलिंग होने लगा है। इससे लगभग बारह हजार लीटर पानी पहले चरण में हर रोज बच रहा है। रेलवे यार्ड में बुदेलखंड आरै ताज साइडिंग में ट्रेन की धुलाई होती है। जिसमें अभी बुदेलखंड साइडिंग में धुलने वाली ट्रेनों के पानी को री- साइकिलिंग करना शुरु कर दिया है। प्लेटफॉर्म चार के बाहर बने यार्ड में री- साइकिलिंग की क्षमता पांच लाख लीटर की है। इस प्लांट का काम पिछले डेढ साल से चल रहा था। यह सितंबर महीने में ही शुरु कर दिया गया है। जिससे अब पानी का इस्तेमाल एक बार फिर से दोबारा से होने लगा है।


भविष्य की प्लानिंग को देखकर बनाया है प्लांट
रेलवे यार्ड में बनाए बनाए गए री- साइकिलिंग प्लांट को भविष्य में बढऩे वाली ट्रेनों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। अभी प्लेटफॉर्म चार के बाहर कु छ भवनों की तोडफ़ोड होनी है। उसके बाद तीसरी और चौथी लाइन का काम होना है। इसमें कुछ ट्रेनों को यहां से बढ़ाया जाएगा। इसको देखते हुए इसे तैयार किया गया है।


अधिकारी नहीं देखते फैलता है पानी
रेलवे ने बोगियों की धुलाई का काम प्राइवेट कंपनी को दिया है। जिसमें यह कर्मचारी बोगियों को धोने के लिए पानी का पाइप लगाकर खूब पानी फैलाकर इन बोगियों की धुलाई करते है। इसमें रेलवे के अधिकारी इस बहते हुए पानी को नहीं देखते है। इससे काफी मात्रा में पानी नालियों में बहता रहता है। लेकिन अब पानी का री- साइकिल होने से यह पानी दोबारा से इस्तेमाल किया जा सकेगा।


इन ट्रेनों की होती है धुलाई
ग्वालियर से चलने वाली चंबल एक्सप्रेस, बरौनी एक्सप्रेस, इंदौर इंटरसिटी, बुंदेलखंड एक्सप्रेस,भोपाल इंटरसिटी, सुशासन एक्सप्रेस, पूना ग्वालियर , ग्वालियर आगरा शटल, ग्वालियर भिंड आदि ट्रेनों की धुलाई यहीं पर होती है।

इन ट्रेनों का पानी हो रहा री- साइकिलिंग
री- साइकिलिंग प्लांट में अभी बरौनी, बुदेलखंड एक्सप्रेस और चंबल एक्सप्रेस में धुलाई शुरु हो गई है। इस तीनों ही ट्रेनों में ६० कोचों की धुलाई हर दिन होती है। इसमें रेलवे एक कोच में दो सौ लीटर पानी लेती है। इसके हिसाब से ६० कोचों में बारह हजार लीटर पानी कारी- साइकिलिंग रेलवे ने करना शुरु कर दिया है। जल्द ही रेलवे अन्य ट्रेनों की धुलाई भी शुरु करने पर विचार कर रहा है।

इनका कहना है
यार्ड में पिछले काफी समय से री- साइकिलिंग प्लांट का काम चल रहा था। अभी सितंबर महीने में ही इसे शुरु किया गया है। जिसमें अभी तीन ट्रेनें चल रही है। भविष्य में अन्य ट्रेनों की भी धुलाई का काम शुरु होगा।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ , झांसी मंडल

Hindi News / Gwalior / बारह हजार लीटर पानी हर रोज नालियों में बहने से बचा , रेलवे अब कर रहा री- साइकिलिंग

ट्रेंडिंग वीडियो