प्रस्ताव पास पर चल ना सकीं ट्रेनें, ग्वालियर-शिवपुरी ट्रैक का विद्युतीकरण
ग्वालियर से शिवपुरी तक के ट्रैक को इलेक्ट्रिक किया जा रहा है। जनवरी-2020 तक काम पूरा होना था, लेकिन फिलहाल काम रुका हुआ है। ट्रैक को इलेक्ट्रिक का काम पूरा हो जाता तो नई ट्रेन ग्वालियर से इस रूट पर मिल सकती थी और अन्य रूट की ट्रेनों को यहां से चलाया भी जा सकता था। ट्रेन की स्पीड भी बढ़ जाती और समय भी कम लगता।
ग्वालियर-इटावा ट्रैक पर नहीं चल सकी ट्रेन
ग्वालियर से इटावा, कानपुर व लखनऊ तक ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के पास अटका हुआ है। इस रूट पर शाम 7:15 बजे से लेकर सुबह 6 बजे के बीच कोई ट्रेन नहीं है। इस तरह 11 घंटे इस ट्रैक पर सन्नाटा रहता है। दोपहर में भी 5 घंटे कोई ट्रेन इस ट्रैक से नहीं गुजरती। अभी दूरी बढ़ाकर आगरा रूट से ट्रेनें इटावा और कानपुर के लिए चलाई जा रही हैं। ओखा एक्सप्रेस आगरा होते हुए इटावा से कानपुर, लखनऊ व गोरखपुर पहुंचती है। इस रूट पर नई ट्रेनों का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के पास अटका हुआ है।
ग्वालियर से छीनी महाराजा एक्सप्रेस
शाही ट्रेन महाराजा एक्सप्रेस ग्वालियर से छीन ली गई है। इसका स्टॉपेज अक्टूबर 2019 में बंद कर दिया। विदेशी पर्यटकों को लेकर आने वाली टे्रन ग्वालियर के बजाय ओरछा में रुकेगी। महाराज ट्रेन का ग्वालियर स्टॉपेज खत्म करने से करीब 60 लाख रुपए की आमदनी भी बंद हो गई। महाराजा एक्सप्रेस की ग्वालियर आने की शुरुआत वर्ष 2011 से हुई थी। यह ट्रेन साल में 6 टूर लेकर आती थी।
ये भी होना है रेलवे स्टेशन पर, चार के आगे 5 व 6 नंबर प्लेटफार्म भी बनाए जाएंगे
ग्वालियर रेलवे स्टेशन से माल गोदाम को रायरू शिफ्ट कर दिया गया है। गोदाम की जगह को संवारने का काम किया जाएगा। यहां पर दो नए प्लेटफॉर्म बनाने के साथ ही कोचिंग यार्ड बनेगा। जहां कोच का मेंटेनेंस एवं डिपो भी प्रस्तावित है। इसके लिए कुछ पुरानी बिल्डिंग और आरआरआई केबिन को भी तोड़ा जाएगा।
ये ट्रेन रोज चलें तो बने बात
इन ट्रेनों को बढ़ाने की मांग
ग्वालियर-भोपाल के बीच इंटरसिटी ट्रेन
सांसद शेजवलकर ने ग्वालियर से भोपाल के बीच सुबह इंटरसिटी चलाने की मांग की थी। बोर्ड ने मंजूरी भी दे दी है, इस ट्रेन को शाम को भोपाल से चलाकर रात में ग्वालियर लाने का प्रस्ताव था। लेकिन अभी तक टे्रन नहीं चली। ग्वालियर से भोपाल के लिए सुबह करीब छह सवा घंटे कोई ट्रेन नहीं है। तडक़े 3:43 बजे दक्षिण एक्सप्रेस आती है। इसके बाद सुबह 10:30 बजे पंजाब मेल है। शताब्दी एक्सप्रेस सुबह 9:15 बजे है, लेकिन इसका किराया अधिक होने से आर्थिक रूप से कमजोर यात्री सफर नहीं करते।
ये निर्माण होंगे
माल गोदाम की खाली जगह पर कोचों के मेंटेनेंस के लिए कोचिंग यार्ड बनाया जाएगा। जिसमें दो लाइन और डिपो भी होगा। 5 एवं 6 नंबर प्लेटफार्म तैयार किए जाएंगे। दो नए प्लेटफार्म बनाने के लिए नैरोगेज की पुरानी लाइन को हटाने की जरूरत पड़ेगी। दो वॉशिंग साइड बनाई जाना है। यहां पर ट्रेनों की सफाई का कार्य होता है। दो नई साइड बनने से समय की बचत होगी। एग्रीकल्चर कॉलेज के पीछे एक नया प्लेटफार्म बनाने की योजना है। भिंड की तरफ जाने वाली पैसेंजर ट्रेनों का संचालन इसी प्लेटफार्म से किए जाने का प्लान किया गया है।