खास बात यह है कि जिला शिक्षा अधिकारी भी अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद 10 प्रतिशत उत्तर पुस्तिकाओं का अनिवार्य रूप से परीक्षण करवाएंगे और इसकी रिपोर्ट लोक शिक्षण संचालनालय को भेजी जाएगी। इसमें मुख्य रूप से बोर्ड परीक्षा पर फोकस रहेगा, क्योंकि बीते वर्ष कक्षा 10वीं व 12वीं का रिजल्ट अच्छा नहीं रहा था।
छात्रों के मजबूत व कमजोर पक्ष आ सकेंगे सामने
विभाग के अफसरों का कहना है कि अर्द्धवार्षिक परीक्षा पूरी तरह से बोर्ड पैटर्न पर होगी और आगे की तैयारी भी इसी के रिजल्ट के आधार पर की जाएगी। इसलिए 10 प्रतिशत कॉपियों की रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल भेजेंगे, उससे यह स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि ओवरऑल क्या स्थिति है। साथ ही छात्र कितना समझ पा रहे हैं और उन्हें कहां समस्या आ रही है। यानि छात्रों का मजबूत और कमजोर पक्ष दोनों सामने आ सकेंगे। विद्यार्थी ने कहां गलती की है और कहां उनके अंक कटे हैं, यह पता चल सकेगा । जिला शिक्षा अधिकारी द्वार गठित टीम के माध्यम से हर दिन शहर व ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है। जहां कमी मिलने पर उसे सही करने की समझाइश देने के साथ ही कार्य में लापरवाही पर नोटिस भी थमाया जा रहा है। वहीं अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के बाद अब हर दिन एक न एक स्कूल का औचक निरीक्षण जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे और इसकी रिपोर्ट भोपाल भेजेंगे। निरीक्षण में वह यह देखेंगे कि कक्षाओं में छात्रों की कितनी उपस्थिति है, कक्षाओं का सुचारू संचालन हो रहा है या नहीं और अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जा रही हैं कि नहीं व वार्षिक परीक्षा की क्या तैयारी है।