शहर भी साइबर क्रिमनल्स के रडार पर है, पिछले 9 महीने में इन अपराधियों ने शहर में 8 लोगों को डिजिटल अरेस्ट किया है। सभी वारदातों ने अपराधियों ने खुद को पुलिस, सीबीआई और ईडी के अधिकारी बनकर व्हाट्स एप कॉल पर पीड़ितों को मनी लॉड्रिंग, पार्सल में ड्रग सप्लाई और पोर्नोग्राफी का आरोपी बताकर जेल भेजने की धमकी दी।
इनमें तीन लोगों से अपराधियों ने उनके बैंक खातों में जमा 1 करोड़ 10 लाख रुपए लूटे। हालांकि इनमें रिटायर्ड शिक्षिका आशा भटनागर को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे ऑनलाइन 51 लाख रुपए लूटने वाली गैंग पकड़ी गई थी। अपराधियों ने पूरा पैसा लौटाकर पीड़िता से राजीनाम किया है।
उधर बाकी पांच वारदातों में लोग सतर्कता से ऐन वक्त पर अपराधियों के शिकंजे से निकले हैं । स्टेट साइबर सेल के निरीक्षक डीपी गुप्ता कहते हैं साइबर क्रिमनल्स जानते हैं कि आम लोगों का पुलिस और कानून से रोज वास्ता नहीं होता। एकाएक फोन पर पुलिस सुनकर ज्यादातर लोग घबरा जाते हैं। इसका फायदा यह अपराधी उठा रहे हैं।
अब तक 9 करोड़ की ठगी, रिकवरी 15 लाख
साइबर फ्रॉड कारोबार अपराधी उद्योग की तरह चला रहे हैं। अभी तक झारखण्ड ऑनलाइन ठगी का हब रहा है। लेकिन अब मेवात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, नोएडा, राजस्थान ऑनलाइन ठगी के नए और बड़े सेंटर बन चुके हैं। संभाग का करैरा (शिवपुरी) भी इस जमात में शामिल हो रहा है। स्टेट साइबर सेल के आंकड़ों के मुताबिक साइबर अपराधियों ने पिछले 10 महीने में जिले और आसपास के इलाकों में शेयर मार्केट, नौकरी, रकम दोगुनी करने का लालच देकर करीब 9 करोड़ रुपए ठगे हैं। इसमें पुलिस सिर्फ 15 लाख रुपए की रिकवरी कर पाई है।
कौन कब डिजिटल अरेस्ट, क्या नतीजा
14 मार्च: रिटायर्ड शिक्षिका आशा भटनागर निवासी गोला का मंदिर को डिजिटल अरेस्ट कर 51 लाख रुपया लूटा। इसमें भिलाई निवासी कुणाल गोस्वामी समेत 12 लोग पकड़े गए। अपराधियों ने आशा भटनागर की पूरी रकम लौटा कर समझौता किया।
24 जुलाई – डा सुजाता बापट को पार्सल में ड्रग और गैरकानूनी सामान बताकर डिजिट अरेस्ट कर 38 लाख रुपया लूटा। केस में पुलिस ने दो आरोपियों को अरेस्ट किया है। बाकी की तलाश है।
11 दिसंबर: समाधिया कॉलोनी निवासी दवा कारोबारी प्रकाश करडेकर को डिजिटल अरेस्ट किया। ऐन वक्त पर करडेकर की बेटी मृणाल ने पिता के हाथ से फोन छीनकर उन्हें साइबर फ्रॉडस्टर्स के शिकंजे से बचाया।
10 दिसंबर- सिल्वर एस्टेट के फ्लैट 903 निवासी डा. एवी सप्रे को डिजिटल अरेस्ट किया। डा.सप्रे की पत्नी भांप गईं उन्होंने तुरंत पड़ोसी और साइबर सेल डीएसपी संजीव नयन शर्मा को फोन कर बुला लिया।
7 दिसंबर- छत्री मंंडी में रिटायर्ड बैंक मैनेजर गणेश नारायण मिश्रा को पत्नी मधु मिश्रा को 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा। मिश्रा सुबह बैंक जाकर बदमाशों को पैसा देने के लिए राजी भी हो गए। उससे पहले उनकी पत्नी ने रिश्तेदारों को घटना बता दी तो दंपति लुटने से बचे।
6 दिसंबर- हरिशंकरपुरम निवासी टायर कारोबारी जसपाल आहूजा और उनकी पत्नी अमरजीत को डिजिटल अरेस्ट कर लूटने का प्रयास किया। कारोबारी की बहन को शक हुआ तो उन्होंने इंदौर में पदस्थ रिश्तेदार और एसीपी मंजीत चावला को फोन कर मदद मांगी। तब पुलिस ने कारोबारी के घर पहुंचकर उनका फोन कट कर उन्हें डिजिटल अरेस्ट से निकाला।
5 दिसंबर- जिला मलेरिया अधिकारी डा. विनोद दोनेरिया को डिजिटल अरेस्ट किया। डा.दोनेरिया कुछ देर उनके शिकंजे में फंसे रहे फिर माजरा भांप गए तो साइबर अपराधियों का फोन काट दिया।
3 दिसंबर: गोला का मंदिर निवासी आयुर्वेदिक डाक्टर मुकेश शुक्ला को डिजिटल अरेस्ट कर 21 लाख रुपए लूटे
3 दिसंबर: गोला का मंदिर निवासी आयुर्वेदिक डाक्टर मुकेश शुक्ला को डिजिटल अरेस्ट कर 21 लाख रुपए लूटे
ठगी के 78 मामले
-स्टेट साइबर सेल में शेयर मार्केट में निवेश, पैसा दोगुना करने और नौकरी का लालच देकर 2 लाख रुपए और उससे ज्यादा की रकम ठगने के पिछले 10 महीने में करीब 78 मामले दर्ज हुए हैं।
-इनमें जनवरी में 10, फरवरी 11, मार्च 11, अप्रैल 9, मई 13, जून 17, जुलाई 1, अगस्त 2, सितंबर 3, अक्टूबर में 1 केस दर्ज हुआ है। ये भी पढ़ें: Patirka Raksha Kavach Abhiyan: अनजान कॉल से बनाएं दूरी, तभी रहेंगे सेफ