ग्वालियर

Pankaj Udhas : कड़ाके की सर्दी में गजल के नशे में डुबोते रहे पंकज उधास, जाने ग्वालियर से नाता

pankaj udhas real life intersting facts: दो बार ग्वालियर व्यापार मेले में प्रस्तुति देने आए थे गजलों के बादशाह पंकज उधास…यही नहीं ग्वालियर के साथ पंकज उधास का एक और खास कनेक्शन है….पंकज उधास के फेंस ने बताए पंकज उधास की रियल लाइफ के इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स…

ग्वालियरFeb 27, 2024 / 12:06 pm

Sanjana Kumar

pankaj udhas real life intersting facts: मशहूर गजल गायक पंकज उधास (Pankaj Udhas) अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने 72 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। गजलों के बादशाह पंकज उधास ग्वालियर व्यापार मेले में दो बार गजलों की शानदार प्रस्तुति दे चुके हैं। पंकज उधास के फेंस ने बताए पंकज उधास की रियल लाइफ के इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स…

ग्वालियर (Gwalior) व्यापार मेले के पूर्व अध्यक्ष अशोक शर्मा ने बताया कि पंकज उधास (pankaj udhas) का जाना हम सभी के लिए बहुत दुख की बात है। उन्होंने बताया कि पंकज उधास ग्वालियर व्यापार मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दो बार 1996 और वर्ष 1999-2000 में प्रस्तुति देने आए थे। उन्होंने बताया कि उस समय पंकज उधास को सुनने बड़ी संख्या में लोग आए थे। बात करीब लगभग 27 वर्ष पुरानी होगी, जब पंकज उधास ग्वालियर व्यापार मेला को अपनी सुरीली आवाज से मदहोश करने आए थे। कड़ाके की हाड़ कंपा देने वाली ठंड में पंकज उधास ने ग्वालियरवासियों को उनकी फरमाइश पर गजलें सुनाकर संगीत के नशे में तरबतर किया।

शायर नसीम रिफहत की गजल को दी आवाज

ग्वालियर से उनका एक रिश्ता और यादगार है कि उन्होंने ग्वालियर के प्रसिद्ध शायर नसीम रिफहत द्वारा लिखी गजल ‘ठंडी हवा के झोंके चलते हैं हल्के हल्के, ऐसे में दिल न तोड़ो, वादे करो न कलके’ को अपनी आवाज दी थी।

 

मेले में पंकज उधास के रात तक चले कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद पंकज उधास चिल्ला जाड़े में रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 2 पर खड़े होकर अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। उनकी ट्रेन एक घंटे से ज्यादा लेट थी। वहीं 5-7 लोग उनके पास खड़े थे। उन्होंने उनसे जब कुछ सुनाने की गुजारिश की गई तो शुरुआती संकोच के बाद वो वहीं प्लेटफॉर्म पर जो टीसी और रेलवे गार्ड का काला बड़ा बक्सा होता है, उस पर बैठ गए और बक्से पर तबले की थापों के बीच गुनगुनाने लगे। चंद प्रशंसकों की फरमाइश पर रेलवे स्टेशन पर सुनाना उनकी सादगी को दर्शाता है कि वो बिना एटीट्यूड वाले कलाकार थे।

 

गजल गायक नवनीत कौशल ने बताया कि मेला कला रंग मंच पर ग्रीन रूम में पीछे की साइड मेरी उनसे मुलाकात हुई थी और मैंने उनसे फरमाइश की थी की दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है। यह गजल जरूर सुनाइए, उन्होंने मेरी फरमाइश पूरी भी की थी।

ये भी पढ़ें : adulteration in paan : यहां पान में मिले सुपारी के साथ पाम के बीज, आपको भी लगे गड़बड़ी तो यहां करें शिकायत

Hindi News / Gwalior / Pankaj Udhas : कड़ाके की सर्दी में गजल के नशे में डुबोते रहे पंकज उधास, जाने ग्वालियर से नाता

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.