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ग्वालियर

दिवाली पर यहां नहीं चला सकेंंगे पटाखे, इन शहरों में केवल दो घंटे की अनुमति

इस बार जहां कुछ शहरों में पटाखे चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। वहीं कुछ शहरों में महज दो घंटे ही पटाखे चलाने की अनुमति रहेगी।

ग्वालियरNov 01, 2021 / 09:09 am

Subodh Tripathi

Diwali 2021

Diwali 2021

ग्वालियर. दिवाली ऐसा पर्व है, जिस पर माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना के साथ ही आकर्षक साज सज्जा और पटाखों की गूंज के आसमान तक नजर आती है। लेकिन बदलते दौर के साथ पटाखों के चलाने पर भी पाबंदिया लगती जा रही है। जिसका मुख्य कारण प्रदूषण पर नियंत्रण करना है। ऐसे में इस बार जहां कुछ शहरों में पटाखे चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। वहीं कुछ शहरों में महज दो घंटे ही पटाखे चलाने की अनुमति रहेगी।

यहां नहीं चलेंगे पटाखे
इस बार सिंगरौली और ग्वालियर में पटाखे चलाने की अनुमति नहीं है। क्योंकि इन दोनों शहरों में २०२० की गणना के अनुसार वायु गुणवत्ता खराब थी। जो अभी भी उसी के आसपास बताई जा रही है।

केवल ग्रीन पटाखे ही चला सकेंगे
भोपाल सहित मध्यप्रदेश के करीब 50 जिलों में सिर्फ ग्रीन पटाखे ही चला सकेंगे। मप्र ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्णय के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस संबंध में गाइड लाइन जारी कर दी है। जिसके तहत रात ८ बजे से लेकर १० बजे तक ही पटाखे चला सकेंगे। इसके बाद पटाखे चलाने की अनुमति नहीं होगी।

ऑनलाइन बाजार पर भी रोक
गाइड लाइन के अनुसार पटाखे का कोई भी व्यापारी ऑनलाइन पटाखों का क्रय विक्रय नहीं कर सकेगा, वहीं बेरियम सॉल्ट युक्त और लड़ी पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पटाखों की जांच के लिए लेब बनाया है, बोर्ड दिवाली के सात दिन पहले और 7 दिन बाद तक वायु गुणवत्ता पर निगरानी रखेगा।
15 से 30 महंगे रहेंगे ग्रीन पटाखे
दिवाली का त्योहार नजदीक आते ही पटाखा बाजार सज गए हैं। इस बार केवल ग्रीन पटाखों को ही अनुमति है, इस कारण कई कंपनियों ने फार्मूलाा बदलकर सभी पटाखों को ग्रीन कर दिया है। हालांकि इनकी आवाज पुराने पटाखों जैसी ही रहेगी। हालांकि ग्रीन के नाम पर बाजार में पटाखों की कीमत में करीब 15 से 30 प्रतिशत इजाफा नजर आएगा।

जल स्रोतों के पास नहीं फेंके पटाखे
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जनता से अपील की है कि पटाखा जलाने के बाद कागज के टुकड़े और अधजले पटाखों या उनके बारूद को कचरे अथवा प्राकृतिक जल स्रोतों के पास नहीं फेंके, इसी के साथ अस्पताल, नर्सिंग होम, हेल्थ केयर सेंटर, स्कूल, धार्मिक स्थल के 100 मीटर के अंदर पटाखे नहीं चलाए जा सकेंगे।

पटाखा बनाने वाली कंपनियों ने ही इस बार फॉर्मूले में बदलाव कर ग्रीन पटाखे भेजे हैं, इस कारण इस बार पटाखे थोड़े महंगे भी हैं, मुख्य पटाखा बाजारों में सुरक्षा और माल को उतारने को लेकर प्रशासन की गाइड लाइन का पालन कराने के लिए कहा है, व्यापारी इसका पालन भी कर रहे हैं।
-दौलतराम सबनानी, अध्यक्ष, पटाखा एसो.

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