नगर निगम द्वारा पुराने बस स्टैंड के पास दो करोड़ की लागत से बनाए जा रहे स्मार्ट सिटी बस स्टैंड का काम बहुत धीमी गति से चल रहा है। बीच में काम बंद भी रहा था, जिसके कारण अभी तक बेस ही नहीं बन पाया है। अब नगर निगम ने इसके सुपरविजन के लिए स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है। बस स्टैंड के निर्माण में देरी के कारण यात्रियों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल पा रही हैं।
स्मार्ट सिटी कंपनी के अंतर्गत चलाई जा रही बसों के संचालन में निजी बस ऑपरेटर व्यवधान डाल रहे हैं। कई बार उनके द्वारा बसों में तोडफ़ोड की जा चुकी है, वह स्मार्ट बसों में सवारियां भी नहीं बैठने देते हैं, जिसके कारण अधिकांश यह बसें खाली ही चलती हैं। निजी बस ऑपरेटरों के खिलाफ अधिकारी ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
आठ बस बढ़ाने को कहा है
स्मार्ट सिटी बस स्टैंड का काम निगम कर रहा है। हमें कुछ दिन पहले ही सुपरविजन के लिए कहा है। जहां तक बसों की संख्या की बात है तो हमने ऑपरेटर से कह दिया है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह तक 8 सिटी बस बढ़ाएं। अगर ऐसा नहीं किया तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अंकित शर्मा, ईई स्मार्ट सिटी कंपनी