यह आधार नंबर की तरह 12 डिजिट का होगा। जहां पर छात्रों के क्रेडिट स्कोर को डिजिटली या वर्चुअली स्टोर किया जाएगा। इसे शैक्षाणिक संस्थाएं खुद ऑपरेट कर सकेंगी और विद्यार्थी स्टेक होल्डर होंगे।
डिजिटल रूप से संरक्षित की जाएगी जानकारी
शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक यात्रा को डिजिटल रूप से सुरक्षित करना है। जहां उनके शैक्षिक रिकॉर्ड, उपलब्धियां और अन्य जानकारी हमेशा के लिए सुरक्षित रखी जा सके। इसके बाद इसी आईडी के माध्यम से छात्रों की परीक्षा परिणाम, रिपोर्ट कार्ड,स्वास्थ्य कार्ड, लर्निंग आउटकम, ओलंपियाड, स्किल ट्रेनिंग और खेल उपलब्धियां जैसी महत्वपूर्ण जानकारी डिजिटल रूप से संरक्षित की जाएगी। इन सभी आंकड़ों तक डिजीलॉकर के जरिए सरलता से पहुंचा जा सकेगा।