ग्वालियर

पहले कह रहे थे स्टेशन पर माधवराव सिंधिया प्रथम की कोई तस्वीर नहीं थी, मामले ने तूल पकड़ा तो 24 घंटे में ढूंढ लाए

मराठा समाज के लोगों का अब आरोप है रेलवे अधिकारियों की लापरवाही से ऐतिहासिक तस्वीर की रौनक चली गई है। उसमें बने दृश्य और लोगों के चेहरे धुंधले हो गए हैं। तस्वीर को कहीं लापरवाही से डाल रखा था, हल्ला मचा तो वापस लगाया गया है। अब रेल अधिकारी तस्वीर का केमिकल ट्रीटमेंट कराएं।

ग्वालियरAug 21, 2019 / 12:58 am

Rahul rai

पहले कह रहे थे स्टेशन पर माधवराव सिंधिया प्रथम की कोई तस्वीर नहीं थी, मामले ने तूल पकड़ा तो 24 घंटे में ढूंढ लाए

ग्वालियर। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म-1 से माधवराव सिंधिया प्रथम की तस्वीर गायब होने का मामला तूल पकडऩे पर रेलवे अधिकारियों ने मंगलवार को नाटकीय अंदाज में तस्वीर उसी स्थान पर लगा दी। रेल अधिकारियों की दलील है कि स्टेशन पर रंगरोगन होने के दौरान तस्वीर उतारी थी, फिर लगाना भूल गए। उधर मराठा समाज के लोगों का अब आरोप है रेलवे अधिकारियों की लापरवाही से ऐतिहासिक तस्वीर की रौनक चली गई है। उसमें बने दृश्य और लोगों के चेहरे धुंधले हो गए हैं। तस्वीर को कहीं लापरवाही से डाल रखा था, हल्ला मचा तो वापस लगाया गया है। अब रेल अधिकारी तस्वीर का केमिकल ट्रीटमेंट कराएं।
 

मराठा युवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत इंगले ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 11 बजे रेलवे अधिकारियों ने फोन कर बताया कि माधवराव सिंधिया प्रथम की तस्वीर मिल गई है, लेकिन यह नहीं बताया कि तस्वीर कहां थी, किसने और क्यों उतरवाया था। स्टेशन जाकर देखा तो उसकी रंगत ही बिगड़ चुकी है। उसमें चित्रांकित लोगों के चेहरे धुंधले हो गए हैं।
 

पुताई के लिए उतारी थी
तस्वीर के वापस आने पर रेलवे अधिकारी अपनी बातों में फंस गए हैं। रेलवे पीआरओ मनोज कुमार सिंह ने सोमवार को कहा था कि ऐसी कोई तस्वीर स्टेशन की दीवार पर नहीं थी। तस्वीर मिलने पर उनका कहना था कि कुछ महीने पहले रेलवे स्टेशन पर रिनोवेशन का काम हुआ था, जिस जगह तस्वीर लगी थी वहां टाइल्स लगाए थे, इसलिए उसे उतारा गया था। उधर दूसरे रेल अधिकारियों का कहना है कि तस्वीर को जिस अधिकारी ने उतरवाया था वह सेवानिवृत हो गए। उसके बाद किसी ने ध्यान नहीं दिया। सोमवार को मामले ने तूल पकड़ा तो तस्वीर को ढूंढा गया।
 

इन सवालों में उलझे रेलवे अधिकारी
– तस्वीर कहां रखी थी, रेलवे स्टेशन के स्टोर में थी तो सवाल उठने पर तुरंत सामने क्यों नहीं लाए।
– तस्वीर किस हालत में है इसकी जानकारी रही है, इसलिए 24 घंटे का वक्त मांगा गया था।
– रेल अधिकारी दो तरह की बातें क्यों करते रहे, कुछ रेलवे स्टेशन पर तस्वीर होने से इनकार करते रहे, जबकि दूसरे अधिकारी एक दिन में उसे सामने लाने का भरोसा दिलाते रहे।
 

रेलवे ने भूल सुधारी
कांग्रेस जिलाध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा ने कहा है रेलवे स्टेशन पर माधवराव सिंधिया प्रथम की तस्वीर इसलिए लगाई गई थी, जिससे स्टेशन पर आने जाने वालों को ऐतिहासिक जानकारी मिले। दीवार से गायब हुई तस्वीर को वहीं लगाकर रेल प्रशासन ने भूल सुधार की है।

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