ग्वालियर

Weather Update- चिलचिलाती गर्मी की आहट,जानें झुलसा देने वाली गर्मी से कैसे बचें

– मौसम में हो रहा बदलाव, जानें आने वाले 6 दिनों में कितना बढ़ेगा आपके शहर का तापमान

ग्वालियरMay 13, 2023 / 06:32 pm

दीपेश तिवारी

मप्र में दिन प्रति दिन बदल रहे मौसम के बाद एक बार फिर गर्मी में आने की दस्तक दे दी है। ऐसे में आने वाले दिनों में जल्द ही चिलचिलाती गर्मी से लोगों का सामना होने की संभावना बढ गई है। जानकारों की मानें तो मौसम में हो रहा ये परिवर्तन जहां आने वाले दिनों में तापमान में वृद्धि करेगा वहीं ऐसे में झुलसा देने वाली गर्मी सडकों को सूना बना देगी।

ऐसे में आने वाली गर्मी को देखते हुए जहां गर्मी से बचने के अनेक उपायों को ध्यान में रखने की जरूरत के संबंध में मौसम के जानकारों के मत की हम यहां जानकारी दे रहे हैं। वहीं आने वाले 6 दिनों आपके शहर में होने वाले तापमान की वृद्धि को लेकर क्या अनुमान है उस संबंध में भी आपको बताना आवश्यक है। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि आने वाले 6 दिनों में आपके शहर के मौसम का क्या हाल रहेगा।

मौसम के जानकारों की माने तो अब जल्द ही मध्यप्रदेश में गर्मी विकराल रुप लेने जा रही है। कारण ये है कि बादलों के छंटने के बाद अब आसमान से धूप सीधी आने के चलते प्रदेश के विभिन्न जिलों के तापमान में वृद्धि होती दिख रही है।

वहीं जो संभावना जताई जा रही है उसके अनुसार 15 मई के बाद प्रदेश में गर्मी में तेजी से बढौतरी देखने को मिलेगी। वहीं अगले 24 घंटों में भी मौसम शुष्क बना रहेगा, जबकि जल्द ही प्रदेश में हीटवेब्स देखने को मिल सकतीं हैं। तो चलिए जानते हैं आने वाले 6 दिनों के मौसम का हाल…

– मौसम के जानकारों का कहना है कि राजधानी भोपाल में रविवार के बाद से अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की जाएगी, ऐसे में जहां 14 व 15 मई को आसमान साफ रहेगा। वहीं 16 व 17 मई को आसमान से आने वाली सूरज की सीधी किरणें लोगों को घर में ही रूकने के लिए विवश कर सकती हैं। जबकि 18 व 19 मई का दिन सनी डे रहेगा। इस दिन तक अधिकतम तापमान 43 डिग्री तक पहुंचता दिख रहा है।


– वहीं ग्वालियर में रविवार के बाद से अधिकतम के साथ ही न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की जाएगी, रविवार व सोमवार को जहां आसमान साफ रहेगा वहीं मंगलवार व बुधवार को तेज चिलचिलाती गर्मी का अहसास होगा। वहीं गुरुवार और शुक्रवार यानि 18 व 19 मई को झुलसा देने वाली गर्मी से दो-चार होना होगा। इस दिन तक अधिकतम तापमान 45 डिग्री तक पहुंच जाएगा।

– प्रदेश की संस्कारधानी यानि जबलपुर में आने वाले 6 दिनों में लगातार न्यूनतम व अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की जाएगी। ऐसे में जहां 14 व 15 मई को आसमान साफ रहने के बीच 15 मई यानि सोमवार को अधिकतम तापमान में वृद्धि होगी। वहीं इसके पश्चात 16 व 17 मई को आसमान मुख्य रूप से साफ रहने के चलते चिलचिलाती गर्मी का अहसास होगा। जिसके बाद 18 व 19 मई यानि गुरुवार व शुक्रवार को अधिकतम तापामान के वृद्धि होगी, यह दिन झुलसा देने वाली गर्मी के साथ सनी डे रहेंगे साथ ही 19 मई को न्यूनतम तापमान में भी वृद्धि संभव है। इस दिन तक अधिकतम तापमान 43 डिग्री तक पहुंचता दिख रहा है।

– जबकि प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भी आने वाले 6 दिनों में लगातार बढता रहेगा। इस दौरान जहां 14 व 15 मई के दौरान आसमान साफ और पूरी तरह साफ रहेगा वहीं 15 मई को अधिकतम तापमान में वृद्धि होती दिख रही है। जबकि इसके बाद 16 व 17 मई को न्यूनतम तापमान में वृद्धि होगी जिसके चले ये 26 डिग्री तक पहुंच सकता है, इस दौरान आसमान पूरी तरह से साफ रहेगा। जबकि 18 व 19 मई को सनी डे के बीच अधिकतम तापमान में वृद्धि के साथ ही तापमान 44 डिग्री तक पहुंच जाएगा।

इन बातों का इस दौरान रखें विशेष ख्याल-
मौसम के जानकारों के अनुसार तेजी से बढ रही गर्मी के बीच सेहत में पढने वाले प्रभावों को देखते हुए हर किसी को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा। ये विशेष बातें कौन सी हैं चलिए जानते हैं…

हीट वेव के दौरान इन बातों का ध्यान रखें-
0- इस दौरान मौसम के स्थानीय समाचारों पर विशेष ध्यान रखें, ताकि मौसम से जुडी हर खबर जैसे तापमान क्या है या हीट वेव तो नहीं चल रही हैं, इनकी जानकारी रखते हुए ही घर से बाहर निकलने का प्लान करें।
0- इस दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं – जानकारों की मानें तो इस समय प्यास न लगने पर भी लगातार पानी पीते रहे। इसके अलावा इस दौरान मिर्गी या दिल की बीमारी वाले व्यक्ति, गुर्दे या यकृत रोग कर समस्या से जुझ रहे व्यक्ति द्रव प्रतिधारण के साथ तरल बढ़ाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
0- इस दौरान ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन), घर के बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी का प्रयोग अवश्य करें। ध्यान रहे इस दौरान चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी आदि आपको हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है।
0- गर्मी के इस मौसम में हल्के, हल्के रंग के, ढीले, सूती कपड़े पहनें।
0- यदि बाहर हैं, तो अपना सिर ढक लें, इसके लिए कपड़े, टोपी या छाते का प्रयोग करें। इसके साथ ही आंखों की रक्षा के लिए धूप के चश्मे का प्रयोग करने के अलावा आपकी त्वचा की रक्षा के लिए सनस्क्रीन भी करें।
0- प्राथमिक चिकित्सा में प्रशिक्षित रहे।
0- इस दौरान बुजुर्गों, बच्चों, बीमार या अधिक वजन वाले लोगों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि इनके अधिक गर्मी के शिकार होने की संभावना रहती है।

अन्य सावधानियां-
0- जितना हो सके घर के अंदर रहें।
0- नमक और जीरे के साथ प्याज का सलाद और कच्चे आम जैसे पारंपरिक उपचार हीट स्ट्रोक से बचा सकता है।
0- पंखे, गीले कपड़ों का प्रयोग करें और बार-बार ठंडे पानी से स्नान करें।
0- आपके कार्यालय, घर या घर पर आने वाले वेंडरों और डिलीवरी करने वालों को पानी दें।

0- सार्वजनिक परिवहन और कार-पूलिंग का उपयोग करें। इससे वैश्विक स्तर को कम करने में मदद मिलेगी।
0- सूखे पत्ते, कृषि अवशेष और कचरा न जलाएं।
0- जल निकायों का संरक्षण करें। वर्षा जल संचयन का अभ्यास करें।
0- ऊर्जा कुशल उपकरणों, स्वच्छ ईंधन और वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग करें।
0- अगर आपको चक्कर या बीमार होने जैसा महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें या किसी को लेने के लिए कहें।

ये भी हैं उपाय-
0- सोलर रिफ्लेक्टिव व्हाइट पेंट, कूल रूफ टेक्नोलॉजी, एयर-लाइट और क्रॉस का इस्तेमाल करें।
कम लागत वाली शीतलन के लिए वेंटिलेशन और थर्मो कूल इन्सुलेशन के लिए आप भी कर सकते हैं, घास के ढेर रखना या छतों पर वनस्पति उगाना।
0- अस्थाई विंडो रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमिनियम फॉयल से ढकें। गर्मी को वापस बाहर प्रतिबिंबित करने के लिए कार्डबोर्ड का उपयोग करें।
0- अपने घर को ठंडा रखें, गहरे रंग के पर्दे, टिंटेड ग्लास-शटर या का प्रयोग करें। रात में खिड़कियां खोलें। निचली मंजिलों पर रहने की कोशिश करें।
0- ध्यान रखें कि हरी छतें, हरी दीवारें और इनडोर पौधे गर्मी को ठंडा करके कम करते हैं।
0- एसी का तापमान 24 डिग्री या अधिक पर बनाए रखें। यह बिजली का बिल को कम रखने के साथ ही आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखेगा।

लू से प्रभावित व्यक्ति का उपचार-
0- पीडि़त व्यक्ति के सिर पर गीले कपड़े का प्रयोग करें या पानी डालें।
0- व्यक्ति को ओआरएस पिलाएं या नींबू का शरबत-तोरानी या जो कुछ भी शरीर को रिहाइड्रेट करने में उपयोगी हो उसका इस्तेमाल करें।
0- व्यक्ति को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं।
0- यदि लगातार उच्च शरीर का तापमान, धड़कते सिरदर्द का अनुभव हो रहा हो या गर्मी सेें चक्कर आ रहा हो, कमजोरी, मतली या भटकाव हो रहा हो तो तुरंत ही रोगी वाहन को कॉल करें।

इन चीजों से बचें-
0- धूप में जाने से बचें, विशेष रूप से दोपहर 12.00 बजे से 3.00 बजे के बीच।
0- जब दोपहर में बाहर हों तो जोरदार गतिविधियों से बचें।
0- नंगे पैर बाहर न निकलें।
0- पीक आवर्स के दौरान खाना पकाने से बचें। खाना पकाने का क्षेत्र पर्याप्त रूप से हवादार करने के लिए दरवाजे और खिड़कियां खोलेें।
0- शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचें, क्योंकि ये शरीर का निर्जलीकरण करते हैं।
0- उच्च प्रोटीन, नमकीन, मसालेदार और तैलीय भोजन से बचें। बासी खाना बिलकुल न खाएं।
0- बच्चों या पालतू जानवरों को खड़ी गाडियों में अकेला न छोड़ें।
0- गरमागरम प्रकाश बल्बों का उपयोग करने से बचें, क्योंकि ये अनावश्यक गर्मी उत्पन्न कर सकते हैं।

नया घर बनवाते समय- इन बातों का रखें ध्यान
0- नियमित दीवारों के बजाय कैविटी वॉल तकनीक का उपयोग करें।
0- मोटी दीवारों का निर्माण करें। ये इंटीरियर को ठंडा रखते हैं।
0- जालीदार दीवारों और लोबदार द्वारों का निर्माण करें। वे अधिकतम हवा की अनुमति देते हैं गर्मी को रोकते हुए प्रवाह करें।
0- दीवारों को कोट करने के लिए चूने या मिट्टी जैसी प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करें।
0- यदि संभव हो तो शीशे से बचें।
0- निर्माण से पहले किसी बिल्डिंग टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

नियोक्ता और श्रमिक-
0- कार्यस्थल पर पीने का ठंडा पानी उपलब्ध कराएं।
0- रेस्टिंग शेड में साफ पानी, छाछ, आइस-पैक के साथ प्राथमिक चिकित्सा किट प्रदान करें और ओआरएस (मौखिक पुनर्जलीकरण समाधान) सभी श्रमिकों को दें।
0- वर्कर्स को सीधी धूप से बचने के लिए सावधान करें।
0- कठिन कामों को दिन के ठंडे समय में शेड्यूल करें।
0- बाहरी गतिविधियों के लिए विश्राम विराम की आवृत्ति और अवधि बढ़ाएं।
0- उच्च ताप वाले क्षेत्र में नए कर्मचारियों को हल्का काम और कम घंटे दें।
0- गर्भवती महिलाओं और बीमार कर्मचारियों का अतिरिक्त ध्यान रखें।
0- हीट वेव अलर्ट के बारे में कर्मचारियों को सूचित करें।

कृषि में हीट वेव के लिए क्या करें –
0- खड़ी फसलों में हल्की और बार-बार सिंचाई करें।
0- महत्वपूर्ण विकास चरणों में सिंचाई की आवृत्ति बढ़ाएं
0- फसल अवशेषों, पुआल की पॉलीथीन से मल्चिंग करें या मिट्टी की मल्चिंग करें साथ ही मिट्टी की नमी का संरक्षण करें।
0- केवल शाम या सुबह के समय सिंचाई करें।
0- फव्वारा सिंचाई का प्रयोग करें।
0- यदि आपका क्षेत्र लू की चपेट में है, तो पवन-आश्रयों को अपनाएं।

पशुपालन करने योग्य-
0- पशुओं को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए भरपूर स्वच्छ और ठंडा पानी दें।
0- सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच उनसे काम न कराएं।
0- शेड की छत को पुआल से ढक दें, उस पर सफेद रंग कराएं या गोबर-मिट्टी से प्लास्टर करें तापमान कम करें।
0- शेड में पंखे, वाटर स्प्रे और फॉगर्स का प्रयोग करें।
0- अत्यधिक गर्मी के दौरान, पानी का छिड़काव करें और मवेशियों को ठंडा करने के लिए जलाशय में ले जाएं।
0- उन्हें हरी घास, प्रोटीन-वसा बाईपास पूरक, खनिज मिश्रण दें। उन्हें ठंडे घंटों के दौरान चरने दें।
0- पोल्ट्री हाउस में पर्दे और उचित वेंटिलेशन प्रदान करें।
0- दोपहर के समय मवेशियों को चराने ध्खाने से बचें।

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