निगम एनएचएआइ के खाते में 16.57 करोड़ रुपए की राशि लाइसेंस शुल्क और 3.95 करोड़ रुपए की राशि बैंक गारंटी के रूप में जमा करेगा। पाइपलाइन डालने के बाद हाइवे की मरमत का काम भी कंपनी को ही करना होगा।
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से चंबल नदी से प्रतिदिन 150 एमएलडी पानी लिया जाएगा, जिसमें से 60 एमएलडी पानी मुरैना जिले को दिया जाएगा। इसके लिए मुरैना में देवरी के पास इंटकवेल तैयार किया है और बाकी 90 एमएलडी पानी ग्वालियर को चंबल नदी से और 60 एमएलडी पानी कोतवाल बांध से मिलना है।
पानी लाने के लिए 458 करोड़ रुपये का ठेका
बता दें कि शहरवासियों की 2055 वर्ष तक प्यास बुझाने के लिए चंबल नदी से पानी लाने के लिए 458 करोड़ रुपये का ठेका कंपनी को दिया जा चुका हैं और कंपनी एनओसी मिलने का इंतजार कर रही थी। इससे पूर्व सितंबर माह में पुरातत्व विभाग ने नूराबाद के पास क्वारी नदी पर 6.40 मीटर चौड़ा पुल तैयार करने की भी मंजूरी दी थी।ये भी जानिए
-चंबल से पानी लाने का ठेका लेने वाली कंपनी ग्वालियर तक पानी लाने के लिए आगरा-ग्वालियर हाइवे पर सर्विस लाइन को खोदने के साथ ही डक्ट भी बनाएगी, जिससे वाहनों से पाइप लाइन को नुकसान न पहुंचे। -पाइपलाइन डालने के बाद हाइवे की मरमत का काम भी पाइपलाइन डालने वाली कंपनी करेगी।