हड़बड़ी-गड़बड़ी का कौन जिम्मेदार
1. किसके दबाव में, किसकी मंजूरी से आनन-फानन में बनाया गया स्टेशन बजरिया में ये डिवाइडर।
2. बिना ठोस बेस के इतने भारी भरकम डिवाइडर की डिजाइन किसने पास की? क्यों पास की?
3. डीबी मॉल में लगे खजूर जैसे वजनदार पेड़ इस डिवाइडर में लगाने का आइडिया किसका, क्यों था?
4. व्यस्त सड़क पर डिवाइडर ढहने से हादसा होता तो कौन था जिम्मेदार?
सभापति की आपत्ति
स्टेशन एरिया में लाखों की लागत से लगवाए गए खजूर के पेड़ लोगों की जान को खतरा बताते हुए सभापति राकेश माहोर ने इसे अफसरों की लापरवाही बताते हुए तत्काल हटाने, जिम्मेदार अफसर से उसकी वसूली करने के लिए पत्र लिखा लेकिन उस पत्र को भी दबा दिया गया।
जमीन में नहीं जड़ें, बेस भी नहीं
पेड़ सड़क खोदकर लगाने की जगह डिवाइडर में मिट्टी भरकर लगवा दिए गए थे, यही वजह रही कि बारिश हो जाने पर पानी डिवाइडर में भर गया और भारी पेड़ अपनी पकड़ खो बैठे और वह एक तरफ झुक गए जिससे डिवाइडर भी टूट गए, इन्हें बचाने के लिए जेसीबी मशीन लेकर अमला मौके पर लकड़ी ही सपोर्ट देकर डिवाइडर को पुन: खड़ा करने लगा।
मौसम विशेष सुनील गोधा के मुताबिक शहर पर टर्फ लाइन बनी है। कम दबाव का क्षेत्र उत्तरी पूर्वी मप्र के साथ ही ग्वालियर-चंबल संभाग में बना है। बंगाल की खाड़ी से उठे बादल ग्वालियर होते हुए निकल रहे हैं। चौबीस घंटे में बारिश की उम्मीद है।
रात में बारिश, आज भी उम्मीद
बीते तीन दिनों से छाए बादल रविवार व सोमवार की मध्य रात भी बरसे। ये सिलसिला सोमवार की सुबह तक चला। सुबह सात बजे के बाद आसमान पर बादल छाए रहे लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ा वैसे वैसे-वैसे आसमान साफ हो गया। दोपहर एक बजे तेज धूप खिली। दिन भर उमस के बाद रात को फिर बूंदाबांदी होने से लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली। अधिकतम 34.2 व न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्री रहा। चौबीस घंटे में बारिश 13.1 एमएम दर्ज की।