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विश्वविद्यालय थाना पुलिस केस दर्ज कर मान रही है कि फरेब में विवाह प्रमाण पत्र बनाने वाले भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने बताया संजयनगर,लक्ष्मीगंज में रहने वाली चांदनी पत्नी भीमशरण ने सात माह पहले योजना के तहत आवेदन किया। चांदनी ने खुद को विधवा बताकर कहा था,कि उसने एक साल पहले भीमशरण से दूसरी शादी की है, इसलिए वह योजना का लाभ लेने की हकदार है, लेकिन आवेदन के साथ चांदनी का सच विभाग के सामने पहुंच गया कि वह विधवा नहीं है, भीमशरण से ही उसकी शादी हुई है। दो लाख रुपए के लिए दंपती फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। सामाजिक न्याय विभाग ने मामले की जांच की तो पता चला कि भीमशरण से चांदी की शादी 2014 में हुई थी। चांदनी ने किसी अशोक निवासी कैंट मुरार को अपना पहला पति बताया था। यह भी पढ़ें
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उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी पेश किया था,प्रमाण-पत्र में जो पता लिखा गया था वह गलत निकला और भीमशरण से दूसरी शादी का एक साल पुराना प्रमाण पत्र भी फर्जी तरीके से बनवाया हुआ निकला। फरेब पकड़े जाने पर सामाजिक न्याय विभाग के कर्मचारी ठाकुरदास ने पुलिस को सूचना दी। उनकी शिकायत पर पुलिस ने चांदनी पर फरेब का केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि घटनाक्रम में उसका पति भी दोषी है उसकी भूमिका की पड़ताल कर उस पर केस दर्ज किया जाएगा। महिला का पति भीमशरण गौतम पूर्व मेंं संविदा आधार पर महिला बाल विकास में कार्यरत था और 2017 में हटा दिया गया था। यह भी पढ़ें
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कैसे बन गया विवाह प्रमाण पत्रफर्जीवाड़े में चांदनी ने भीमशरण के साथ एक साल पहले शादी का जो प्रमाण पत्र पेश किया है वह कैसे बन गया,जांच का विषय है। पुलिस का कहना है कि इसमें प्रमाण पत्र जारी करने वाले विभाग के लोगों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। चांदनी और उसके पति से पूछताछ में सामने आएगा कि फरेब में कौन लोग और क्यों मददगार थे।
आवेदन देने से ही कर रहे इनकार
सामाजिक न्याय विभाग के ज्वॉइंट डायरेक्टर राजीव सिंह का कहना है कि दोनों सरकारी सहायता के लिए आवेदन से साफ मुकर रहे हैं। उनकी दलील है कि पैसों के लिए उन्होंने आवेदन नहीं किया था। किसी ने उनके नाम से फर्जी आवेदन किया है, जबकि आवेदन पर चांदनी और भीमशरण के हस्ताक्षर, फोटो, आधार कार्ड और तमाम मूल दस्तावेज संलग्न हैं।
सामाजिक न्याय विभाग के ज्वॉइंट डायरेक्टर राजीव सिंह का कहना है कि दोनों सरकारी सहायता के लिए आवेदन से साफ मुकर रहे हैं। उनकी दलील है कि पैसों के लिए उन्होंने आवेदन नहीं किया था। किसी ने उनके नाम से फर्जी आवेदन किया है, जबकि आवेदन पर चांदनी और भीमशरण के हस्ताक्षर, फोटो, आधार कार्ड और तमाम मूल दस्तावेज संलग्न हैं।
विश्वविद्यालय थाना टीआइ रामनरेश यादव ने बताया कि सरकारी योजना के तहत दो लाख की सहायता के लिए दंपती ने फर्जीवाड़ा किया है। आवेदन में लगाए दस्तावेज और हस्ताक्षरों में हेरफेर सामने आने पर फरेब पकड़ा गया है। इसमें और कौन लोग शामिल हैं इसका भी पता लगाया जाएगा। जेडी सामाजिक न्याय राजीव सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना के अंतर्गत आवेदन दिया गया था। इसमें पति-पत्नी के दस्तावेज पर संदेह के बाद जांच कराई गई थी। इसके बाद पूरा प्रकरण पंजीबद्ध कराने के लिए एसपी कार्यालय भेजा गया था, इसके बाद विवि थाने में एफआईआर दर्ज हुई है।