पुलिस के आकस्मिक शाखा के लेखे जोखे में 72 एंट्रियों में गड़बड़ी सामने आई है। इनमें दो एंट्री में 17.38 लाख रुपया शाखा में पदस्थ आरक्षक अरविंद भदौरिया की पत्नी के बैंक खाता नंबर में जमा हुआ है। इसमें नाम किसी और का है, खाता नंबर आरक्षक अरविंद सिंह की पत्नी का है। हेरफेर सामने आने पर आरक्षक अरविंद को हिरासत में लेकर विश्वविद्यालय थाने में बैठाया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है अरविंद छह साल से शाखा में पदस्थ है। शुरूआती पूछताछ में उसने माना है कि गलती हो गई। आशंका है कि घोटाले की रकम और ज्यादा सामने आ सकती है। इसकी जांच के लिए पुलिस मुख्यालय से तीन सदस्यों की टीम बुधवार को ग्वालियर आ रही है।
बिल असली, खाता बदला
अरविंद पर आरोप है कि उसने बिल तो असली लगाए हैं, लेकिन ट्रेजरी से भुगतान जिस खाते में जमा करने का हवाला देकर लिया है वह उसकी पत्नी का है। हेरफेर सामने आने पर 2018 से 2023 तक बिल भुगतान की जांच की जा रही है।
यहां सामने आ चुका फरेब
नर्मदापुरम, शिवपुरी एसपी ऑफिस के अलावा धारा की 34 बटालियन में भी इसी तरह लाखों रुपए के गबन सामने आ चुके हैं। इनमें बाबुओं ने पत्नी, बच्चों और रिश्तेदारों के खातों में लाखों रुपए फर्जी तरीके से ट्रांसफर किए हैं। शिवपुरी एसपी ऑफिस के बाबु ने तो फर्जी तरीके से सैलरी ही हड़पी उधर इंदौर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में भी 12 लाख रुपए से ज्यादा का घोटाला सामने आया है।
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पीएचक्यू को भनक तक नहीं
पुलिस में घोटालों की खेप तो सामने आई लेकिन पुलिस मुख्यालय को इसकी भनक नहीं होने से खलबली मची। अब वेलफेयर एडीजी अनिल कुमार ने सभी इकाइयों के प्रमुख को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं इस तरह के घोटाले सामने आएं तो तुरंत कार्रवाई होना चाहिए।
जांच के आधार पर कार्रवाई
ट्रेजरी विभाग की आडिट रिपोर्ट के आधार ट्रांजिक्शन एंट्री में गड़बड़ी सामने आई है। संदेह में आरक्षक से पूछताछ की जा रही है। पीएचक्यू की टीम मामले की जांच करेगी। तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
– राजेश चंदेल, एसएसपी ग्वालियर
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