कुल मिलाकर ग्वालियर शहर जुलाई के तीसरे सप्ताह में अच्छी बारिश को तरसता रहा। लेकिन अब मौसम विभाग ने ग्वालियर समेत पूरे मध्य प्रदेश में एक बार फिर नए और स्ट्रॉन्ग सिस्टम के साथ मानसून की बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है।
बांध हैं अभी खाली
बारिश थमने से अंचल के बांधों का जलस्तर बढ़ना भी बंद हो गया है। यहां तिघरा 65 फीसदी खाली है और हरसी 73 फीसदी खाली पड़ा है। हरसी के खाली रहने से खरीफ में धान की रोपाई संभव नहीं है, जबकि तिघरा के खाली रहने से शहर भी पेयजल के संकट से बाहर नहीं हुआ है। हालांकि अच्छी बारिश के अभी 30 दिन शेष हैं, क्योंकि 15 अगस्त तक भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार 20 जुलाई तक स्थानीय प्रभाव से बारिश की संभावना है।9 जुलाई के बाद से अब तक नहीं हुई अच्छी बारिश
दरअसल नौ जुलाई के बाद से ग्वालियर शहर में जोरदार बारिश नहीं हुई है, क्योंकि मानसून ट्रफ लाइन स्थिर नहीं रही। वर्तमान में मानसून ट्रफ लाइन गुना होते हुए कोटा से गुजर रही है, जिसकी वजह से ग्वालियर ट्रफ लाइन के उत्तर में आ गया है। हवा के साथ जो हल्की नमी आ रही है, वह स्थानीय प्रभाव से बरस रही है। शहर अच्छी बारिश के लिए तरस रहा है। बारिश थमने से गर्मी होने लगी है। दिन और रात में उमस ज्यादा हो रही है।दो बांध से कृषि और चार के भरोसे पेयजल व्यवस्था
- 2023 में खंड बारिश के चलते अंचल के बांध खाली रह गए थे। इस कारण किसानों को हरसी और मड़ीखेड़ा डैम से सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाया था। बांध खाली होने से धान के लिए पानी संभव नहीं दिख रहा है। मड़ीखेड़ा डैम व हरसी के भरोसे अंचल की सिंचाई व्यवस्था है, जो पूरी तरह से खाली पड़े हैं।
- अपर ककैटो, ककैटो, पेहसारी व तिघरा से शहर को पानी मिलता है। इन बांधों के खाली होने से शहर में एक दिन छोडक़र पानी मिल रहा है। इन बांधों के भरने पर शहर का पेयजल संकट दूर हो सकेगा।