ग्वालियर में भी चले मेट्रो, सिंधिया ने सीएम कमलनाथ को लिखा पत्र
– यातायात के बढ़ते दबाव को देख आवश्यकता की जा रही महसूस
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ग्वालियर. यदि सबकुछ ठीक रहा तो प्रदूषण और बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था से जूझ रहे ग्वालियर में जल्द ही मेट्रो ट्रेन चलती दिखाई देगी। भोपाल और इंदौर में मेट्रो ट्रेन के प्रोजेक्ट के बाद अब ग्वालियर में इसके लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहल करते हुए सीएम कमलनाथ को पत्र लिखा है। हालांकि इसके लिए कलेक्टर अनुराग चौधरी भी प्रमुख सचिव को पत्र लिख चुके हैं। भोपाल और इंदौर में मेट्रो प्रस्ताव पर काम कर रही सरकार ग्वालियर में मेट्रो सेवा शुरू करने के लिए डीपीआर बनवाएगी। इसके बाद एमपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन इसके लिए फिजिबिलिटी सर्वे कराएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि शहर में पहले से चलाई जा रही नैरोगेज इसके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकती है क्योंकि मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए जिस ट्रैक को बनाया जाना है उसके लिए नैरोगेज ट्रेन के ट्रेक को लिया जा सकेगा। मेट्रो ट्रेन का सारा काम मेट्रोपोलिटिन सिटी के अंतर्गत ही किया जाएगा।
सिंधिया ने सीएम को लिखा ये पत्र
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि ग्वालियर में यातायात के बढ़ते दबाव के कारण मेट्रो रेल की आवश्यकता है। मेट्रो रेल की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मेट्रो रेल कंपनी का गठन किया जाना आवश्यक है, जिससे मेट्रो रेल कंपनी द्वारा नगर में मेट्रो रेल के संचालन के लिए फिजिबिलेटी स्टडी कराई जा सके। सिंधिया की ओर से लिखे गए पत्र के साथ ग्वालियर कलेक्टर का पत्र भी संलग्न किया गया।
फिजिबिलिटी सर्वे में यह होगा
– शहर में कितने घनत्व में रैपिड ट्रांजिट सिस्टम ट्रैक बिछ सकता है।
– किस रूट पर रोज किस वक्त कितनी यात्री संख्या संभावित है।
– रूट बिछाने के लिए कितनी जगह उतार-चढ़ाव, मोड़ आएंगे।
– प्रस्तावित रूट में सरकारी जमीन की उपलब्धता एवं निजी जमीन।
– प्रस्तावित रूट की लाइनों की कंस्ट्रक्शन कॉस्ट प्रति किमी, रखरखाव का खर्च।
स्टेशन और डिब्बे दोनों रहेंगे कम
संभावना जताई जा रही है कि ग्वालियर में भोपाल और इंदौर के मुकाबले रेलवे ट्रेक छोटा रहेगा। वैसे ये फैसला पैसेंजर लोड के हिसाब से लिया जाएगा। भोपाल में 95.3 किमी लंबे टै्रक पर 86 और इंदौर में 103.4 किमी के ट्रैक पर 88 बनाने की योजना है। वहीं ग्वालियर में स्टेशनों की संख्या कम रहेगी।
2021 तक होना था ग्रेटर ग्वालियर मेट्रो प्रोजेक्ट
17 अक्टूबर 2014 को तत्कालीन सरकार की ओर से रेपिड ट्रांजिट सिस्टम के अंतर्गत शहर में और आसपास के लिए गे्रटर ग्वालियर मेट्रो की घोषणा की थी। इसमें 100 स्टेशन और 105 किमी की दूरी प्रस्तावित थी। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड की ओर से इसे 2021 तक तैयार किया जाना था। इसमें तीन लाइनें प्रस्तावित थीं जिनमें गोले का मंदिर से पड़ाव, रेलवे स्टेशन, अचलेश्वर मंदिर, कंपू, महाराज बाड़ा, लाला का बाजा, संभाजी कॉलोनी, काला सय्यद, एबी रोड स्टेशन, दूसरा पुरानी छावनी से लिंक रोड वाया अल्कापुरी और गोविंदपुरी के बाद तीसरा ग्वालियर से मालनपुर और बानमोर को जोडऩे वाला था।
शहरवासियों को सहूलियत होगी
ग्वालियर शहर में मेट्रो की सुविधा यातायात में मददगार साबित होगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने इसके लिए पहल करके दूरदर्शिता दिखाई है क्योंकि आने वाले समय में मेट्रो टे्रन की शहरवासियों को काफी जरूरत होगी।
– प्रवीण पाठक, विधायक
प्रमुख सचिव को लिखा था पत्र
शहर के लिए अब मेट्रो ट्रेन की जरूरत है। इसके लिए प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन को 16 सितंबर को पत्र लिखा था। पत्र के जरिए मेट्रो रेल कंपनी के लिए प्रबंध संचालक नियुक्त करने की मांग की थी।
– अनुराग चौधरी, कलेक्टर
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