2024 तक पूरा होना है काम
दरअसल, रेलवे स्टेशन के हैरिटेज स्वरूप को बनाए रख सौंदर्यीकरण का काम किया जाएगा। इसके लिए वर्ष 2024 तक का समय निश्चित किया गया है। स्टेशन की प्लानिंग इस तरह की जा रही है कि वर्ष 2038 में प्रतिदिन संभावित 1 लाख और वर्ष 2058 में प्रतिदिन संभावित 1 लाख 40 हजार यात्रियों की जरूरत को पूरा किया जा सके। यह पूरी प्लानिंग मैसर्स वॉयंट्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स स्टूडियो सिम्बॉयोसिस ने तैयार की है। दिल्ली की इन सलाहकार कंपनियों ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन में होने वाले काम की तकनीकि सलाह आदि की जिम्मेदारी कंपनी की सीनियर मैनेजर सीमा यादव और पारोमिता राय को दी है।
सात भागों में विभाजित काम
रेलवे के अधीन क्षेत्र में विकास और संचालन गतिविधियों वाले क्षेत्र में काम होगा।
क्षेत्र में जो पहले से मौजूद इमारतें हैं, उनको बेहतर किया जाएगा।
भविष्य में किस तरह से विकास होगा, उसका क्षेत्र चिह्नित किया गया है।
स्टेशन की प्रस्तावित इमारत में किस तरह से काम होगा, यह चिह्नित किया गया है।
रेलवे की गतिविधियों का संचालन करने के लिए कार्यालयों का निर्माण करने के लिए क्षेत्र चिह्नित किया गया है।
रेलवे स्टेशन क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों के लिए क्षेत्र चिह्नित किया गया है।
रेलवे हाउसिंग के लिए प्रस्तावित प्लानिंग तैयार की गई है।
ऐसा रहेगा स्टेशन 8000 वर्गमीटर का सर्कुलेटिंग एरिया रहेगा। 83612
वर्गमीटर में रेलवे स्टेशन के आसपास की भूमि पर रेलवे हाउसिंग आदि काम होंगे। 15853
वर्गमीटर में रेलवे स्टेशन की ऐतिहासिक बिल्डिंग बनी है, इसके पुराने स्वरूप को बरकरार रख आधुनिक बनाया जाएगा।
वर्गमीटर में रेलवे स्टेशन के आसपास की भूमि पर रेलवे हाउसिंग आदि काम होंगे। 15853
वर्गमीटर में रेलवे स्टेशन की ऐतिहासिक बिल्डिंग बनी है, इसके पुराने स्वरूप को बरकरार रख आधुनिक बनाया जाएगा।
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हैक्टेयर में अस्पताल, स्कूल, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स आदि निर्माण होंगे।
हैक्टेयर में अस्पताल, स्कूल, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स आदि निर्माण होंगे।