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घर पर अकेली थी मां, पीछे जाकर बचाई जान
शिवा रेजीडेंसी के चौथी मंजिल के फ्लैट नंबर 403 में मुकेश बत्रा पत्नी पल्लवी, मां राज बत्रा व बच्चों के साथ रहते हैं। दोपहर को मुकेश अपनी बेकरी व क्रॉकरी की दुकान, पत्नी स्कूल में पढ़ाने व बच्चे स्कूल गए थे, वृद्ध मां राज घर में अकेली थीं, तभी किचन के पास शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। देखते ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। इस आग में राज फंस गई और वह जान बचाने पीछे बालकनी में चली गई। फायर अमले ने छह गाड़ी पानी फेंककर 30 मिनट में आग पर काबू पाया और महिला को सुरक्षित निकाला। हालांकि आग से दो फ्रिज, टीवी, फर्नीचर, साउंड, किचन का सामान और सामने बने फ्लैट के दरवाजे जलकर राख हो गए।
प्रत्यक्षदर्शी बोली-मुकेश को लगाने जा रही थी फोन
मल्टी के ही फ्लैट नंबर 401 में रहने वाली सुमन ने बताया कि वह अपने कमरे में बैठी हुई थी, तभी वृद्धा ने उन्हें आवाज लगाकर बुलाया और कहा कि देखो हमारे यहां धुआं काफी आ रहा है। मेरे बेटे मुकेश को बोल दो कि वह मिस्त्री बुलाकर इसे सही करा देगा, सुमन तब तक अपने कमरे में फोन लेने पहुंची। चंद मिनट में ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और गेट तक फैल गई। आग को तेजी से बढ़ता देख सभी फ्लैट वाले सीढिय़ों की मदद से नीचे उतरे और फायर अमले को सूचना दी।
फायर सिलेंडर सहित सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं
मल्टी में लिफ्ट तो लगी हुई थी, लेकिन फायर से संबंधित कोई भी इंतजाम नहीं थे। एबीसी फायर सिलेंडर, हॉजरील, हॉजरील लाइन, पानी का टैंक, हाइट्रेंड, फायर फाइटिंग सिस्टम,लिफ्ट, ट्रांसफार्मर व बिल्डिंग में कहीं भी फायर सिलेंडर नहीं थे। यदि होते तो आग इतनी तेजी से नहीं फैलती।
सहम गई थी महिला राज, रोते हुए बोली पता नहीं
आग में फंसी महिला राज बत्रा ने रोते हुए बताया कि वह अपने कमरे में बैठकर टीवी देख रही थी, तभी अचानक से आग की लपटे दिखाई दी। उन्होंने बेटे को बुलाने के लिए सामने बने फ्लैट में रहने वाली सुमन, वर्मा जी व बच्चों को भी आवाज लगाई और देखते ही देखते आग तेजी से बढ़ गई। इस दौरान वह काफी सहम व डर भी गई थीं, इसलिए कुछ आगे बोलने की स्थिति में नहीं थी।
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भवन शाखा व फायर अधिकारी को करना था निरीक्षण, नहीं थी फायर एनओसी
निगम सीमा में किसी भी मल्टी की परमिशन देते समय फायर एनओसी जारी होने के बाद ही बिल्डिंग की परमिशन दी जाती है। यह एनओसी तीन साल बार रिन्यू होती है। लेकिन बिल्डर ने भवन शाखा व फायर विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर बिना एनओसी के ही बिल्डंग परमिशन जारी करा ली और चार मंजिला मल्टी खड़ी कर 16 फ्लैट बना दिए। इतना ही नहीं मल्टी बनने के बाद भी भवन शाखा के अधिकारी सिटी प्लानर, भवन अधिकारी, जेडओ व फयर विभाग के अधिकारियों ने इसकी जांच ही नहीं की। हालांकि फायर विभाग के नोडल अधिकारी डॉ अतिबल सिंह यादव का कहना है कि शिवा रेजीडेंसी में आगजनी की घटना रोकने के लिए फायर सिलेंडर, फायर टैंकर सहित अन्य कोई भी इंतजाम नहीं थे और न ही फायर एनओसी थी, इसलिए बिल्डिर को नोटिस जारी किया जाएगा।
हो सकता था बड़ा हादसा, 3 फ्लैट के दरवाजे व खिड़की भी जले
फ्लैट नंबर 403 में आग लगने से सामने बने फ्लैट नंबर 401, 402 और पास बने 404 फ्लैट के दरवाजे व खिड़कियां भी आग से जल गई है। गनीमत यह रही कि सभी लोग फ्लैट से निकलकर नीचे चले गए, वरना एक बड़ा हादसा हो सकता था और उसमें कई लोगों की जान जा सकती थी।
मल्टी में आग की घटना को रोकने के कोई इंतजाम नहीं है। हम पूर्व में भी मल्टी संचालक से बात कर चुके हैं, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। निगम अधिकारियों से सांठगांठ कर बिना फायर एनओसी के भवन शाखा ने परमिशन दी है। प्रशासन व आयुक्त सख्त कार्रवाई करें।
– एससी वर्मा, रहवासी फ्लैट नंबर 402
मैंने दो साल पूर्व राजपाल खुराना से यह फ्लैट लिया था। हम लगातार फायर उपकरण लगाने की मांग कर रहे थे। आग शॉर्ट सर्किट से लगी है। इसमें फनीर्चर, टीवी फ्रिज सहित अन्य सामान जलने से करीब 20 से 22 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
– मुकेश बत्रा, पीड़ित
मैने 8 से 10 साल पूर्व पाटर्नर आनंद के साथ मल्टी बनाई थी और दो साल पूर्व ही मुकेश को चौथी मंजिल पर फ्लैट दिया था। बिल्डिंग परमिशन के समय बाल्टी में रेत भरकर व फायर सिलेंडर रखने के बाद ही निगम से परमिशन मिली थी। मैंने इसे सोसाइटी के हैंडओवर भी कर दिया था और मुकेश की पत्नी वर्तमान में अध्यक्ष है।
राजकुमार खुराना, बिल्डर
यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। शिवा रेजीडेंसी सहित शहरभर की सभी बिल्डिंगों में जांच के लिए अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। बिना एनओसी की परमिशन कैसे दी गई है इसकी जांच करवाई जाएगी।
हर्ष सिंह, आयुक्त नगर निगम
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