चुनाव ड्यूटी के दौरान आया हार्ट अटैक
टेकपुर गांव के रहने वाले सुखदेव सिंह रंधावा BSF की 185वीं बटालियन में सब इंस्पेक्टर थे और जम्मू कश्मीर के बारामूला में उनकी तैनाती थी। वहीं पर सोमवार को चुनाव ड्यूटी के दौरान पेट्रोलिंग करते वक्त सुखदेव को हार्ट अटैक आया था इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। सुखदेव की मौत की खबर जैसे ही उनके गांव पहुंची तो परिजन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और पूरे गांव में मातम पसर गया। बुधवार को बीएसएफ के जवान में तिरंगे में लिपटी सुखदेव सिंह की पार्थिव देह को लेकर जैसे ही गांव टेकपुर पहुंचे तो पूरा गांव अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। राजकीय सम्मान के साथ पहले शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और फिर उसके बाद 14 साल के बेटे गुरलाल सिंह ने पिता को मुखाग्नि दी।
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‘बेटे को भी सेना में भेजूंगी’
शहीद सुखदेव सिंह रंधावा के चार भाई हैं। उनका एक बेटा और बेटी हैं। बेटा गुरलाल 14 साल का है जबकि बेटी का नाम मन्नत कौर है। पति की शहादत पर अपने आंसू पोंछते हुए पत्नी गुरमीत कौर ने कहा है कि वो अपने बेटे को भी देश सेवा के लिए है। शहीद सब इंस्पेक्टर सुखदेव सिंह की पत्नी ने कहा कि वह अपने बेटे को भी देश सेवा के लिए BSF में भेजेंगीं, जिससे वह भी देश सेवा कर अपने पिता का नाम आगे रोशन करे। परिजन ने बताया कि सुखदेव सिंह रंधावा 2025 में रिटायर होने वाले थे।