scriptयहां एक जलहरी में है दो शिवलिंग,अलोपीशंकर महादेव मंदिर से जुड़े हैं कई रहस्य | lord of shiva in oldest and mysterious temple of alopi shankar mahadev | Patrika News
ग्वालियर

यहां एक जलहरी में है दो शिवलिंग,अलोपीशंकर महादेव मंदिर से जुड़े हैं कई रहस्य

नगर के प्राचीनतम शिवमंदिर अलोपीशंकर एक हजार वर्ष पूर्व सिद्ध बाबा बौद्ध गिरी के अदृश्य होने के बाद उनके स्थान से प्रकट हुए थे

ग्वालियरAug 06, 2017 / 08:54 pm

monu sahu

temple of alopi shankar mahadev

alopi shankar mahadev

ग्वालियर/मुरैना। नगर के प्राचीनतम शिवमंदिर अलोपीशंकर एक हजार वर्ष पूर्व सिद्ध बाबा बौद्ध गिरी के अदृश्य होने के बाद उनके स्थान से प्रकट हुए थे। यहां एक ही जलहरी में दो पिण्डियां है जो अपने आप में खास है,क्योंकि आमतौर पर एक जलहरी में एक ही पिण्डी मौजूद रहती है। अलोपीशंकर की प्रसिद्धि दूरदराज तक हैं, सावन मास में जहां अलोपीशंकर के दर्शन करने जिलेभर के लोग पहुंचते हैं। वहीं अन्य प्रांतों से भी हजारों की संख्या में लोग अभिषेक करने पहुंचते हैं। कैलारस में 700 फीट ऊंची पहाड़ी पर अलोपीशंकर महादेव का मंदिर है। इसके लिए लोग 560 सीढिय़ां चढ़कर दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
वैसे तो मंदिर पर प्रतिदिन ही भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन सावन मास में यहां हजारों की संख्या में लोग अन्य प्रांतों से भी पहुंचते हैं। इसके साथ ही सैकड़ों की संख्या में कांवड़ चढ़ाई जाती हैं। ऐसी किवदंती है कि इस मंदिर को लाखा बंजारे ने बनवाया था। ऐसा माना जाता है कि लाखा बंजारा शक्कर की बोरियां लेकर बाजार जा रहा था उसी समय सिद्ध बाबा ने उनसे बोरियों के बारे में पूछा तो उपहास करते हुए लाखा ने बोरियों में नमक होने की बात कही, लेकिन जब लाखा बाजार पहुंचता तो बोरियों में से शक्कर की जगह नमक ही निकला। वह भागता हुआ पहाड़ी पर पहुंचा तो वहां से बौद्ध गिरी बाबा अलोप हो चुके थे। उनके बैठने के स्थान से ही दो शिवलिंग निकली। जिन्हें लोग अलोपीशंकर महादेव के नाम से जानते हैं। अलोपी शंकर मंदिर पर प्रतिदिन भण्डारों का आयोजन किया जाता है। पिछले दस वर्ष से अखण्ड रामायण हो रही है और अखण्ड दीपक चलाया जा रहा है।
शक्कर की जगह निकला नमक
एक लाखा बंजारा शक्कर की बोरियां लेकर बाजार जा रहा था तभी सिद्ध बाबा ने उनसे बोरियों के बारे में पूछा तो लाखा ने बोरियों में नमक होने की बात कही, लेकिन जब लाखा बाजार पहुंचता तो बोरियों में से शक्कर की जगह नमक ही निकला। वह भागता हुआ पहाड़ी पर पहुंचा तो वहां से बौद्ध गिरी बाबा अलोप हो चुके थे।

Hindi News / Gwalior / यहां एक जलहरी में है दो शिवलिंग,अलोपीशंकर महादेव मंदिर से जुड़े हैं कई रहस्य

ट्रेंडिंग वीडियो

loader
Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.