ग्वालियर

Lok Sabha Election: एक किस्सा: जब माधवराव सिंधिया को बदलनी पड़ी थी सीट

Lok Sabha Election Interesting Facts: ग्वालियर लोकसभा सीट कई बार चर्चाओं में रही है। ग्वालियर लोकसभा सीट की बात की जाए तो यह मध्य प्रदेश की चुनिंदा महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में गिनी जाती है। साल 2000 से पहले यह सीट कांग्रेस के प्रभाव वाली मानी जाती थी, उसी समय का ये किस्सा आप भी जरूर पढ़ें:

ग्वालियरMar 30, 2024 / 11:13 am

Sanjana Kumar

Lok Sabha Election Interesting Facts: ग्वालियर लोकसभा सीट कई बार चर्चाओं में रही है। दिग्गज नेताओं को भी यहां से अपनी सीट छोडऩा पड़ी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी 1971 में जनसंघ के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था। लेकिन जब 1984 में अटल बिहारी ने ग्वालियर से एक बार फिर पर्चा दाखिल किया तो कांग्रेस ने माधवराव सिंधिया को मैदान में उतार दिया। लेकिन वाजपेयी करीब पौने दो लाख वोटों से हार गए।

 

लगातार 5 चुनाव जीत चुके माधवराव सिंधिया को भी सीट छोड़नी पड़ी थी। ग्वालियर में जीत के लिए माधवराव को संघर्ष करने के लिए 1998 में पवैया ने ही मजबूर किया। माधव राव सिंधिया को 1998 में जयभान सिंह पवैया ने चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी। इसके बाद भाजपा की लहर को देखते हुए सिंधिया गुना लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे चले गए थे।

 


माधवराव सिंधिया सियासी किस्मत आजमाने गुना पहुंचे। 1971 का चुनाव जनसंघ की ओर से जीता। 1977 में स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में जीते। आखिर में कांग्रेस के टिकट पर 1980 में जीते। 1984 में महेंद्र सिंह कांग्रेस से सांसद बने। भाजपा के अस्तित्व में आने पर विजयाराजे चार बार गुना से जीतीं। 1999 में फिर माधवराव कांग्रेस से जीते।


ग्वालियर. भारतीय जनता पार्टी होली मिलन के बहाने कार्यकर्ताओं को साधने की कोशिश कर रही है। होली मिलन में भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया है। होली मिलन समारोह 30 मार्च को शाम 4.30 बजे से मेला ग्राउंड स्थित राजबाग गार्डन में आयोजित होगा। होली मिलन में लोकसभा प्रत्याशी सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं सहित हजारों कार्यकर्ता शामिल होंगे। कार्यकर्ताओं के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है।

 


ग्वालियर. कांग्रेस पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार के नाम को लेकर सोशल मीडिया में काफी समय से चर्चा छिड़ी हुई है। भारतीय जनता पार्टी ने ग्वालियर में अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है, लेकिन कांग्रेस अभी तक नाम तय नहीं कर पाई है। हर किसी की जुबान पर कौन होगा प्रत्याशी, इसको लेकर चर्चा चल रही है। सोशल मीडिया पर कार्यकर्ता अपने-अपने समर्थकों के नाम डाल रहे हैं, लेकिन पार्टी अभी तक नाम तय नहीं कर पा रही है। भाजपा नेता बोल रहे हैं कि ग्वालियर में भाजपा के सामने कोई नेता लड़ने को तैयार नहीं है, इसलिए नाम की घोषणा नहीं हो पा रही है।

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