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ग्वालियर

लीवर घुमाकर छोड़े चीते और कहा ये दौड़ेंगे तो पुर्नजीवित होगा मैदानी ईको सिस्टम

-कूनो-पालपुर राष्ट्रीय अभयारण्य अब अफ्रीकन चीतों का बनेगा घर

ग्वालियरSep 18, 2022 / 12:01 am

Dharmendra Trivedi

लीवर घुमाकर छोड़े चीते और कहा ये दौड़ेंगे तो पुर्नजीवित होगा मैदानी ईको सिस्टम

लीवर घुमाकर छोड़े चीते और कहा ये दौड़ेंगे तो पुर्नजीवित होगा मैदानी ईको सिस्टम

ग्वालियर। विकास और समृद्धि के लिए प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण भी जरूरी है। इसी से हमारा भविष्य सुरक्षित होगा। दुनिया जब प्रकृति और पर्यावरण की ओर देखती है तो सस्टेनेबल डेवलपमेंट की बात भी करती है। हमारे लिए प्रकृति, पर्यावरण, पशु-पक्षी सिर्फ सस्टेनेबिलिटी और सिक्योरिटी न होकर संवेदनशीलता और आत्मिक आधार भी है। आज सौभाग्य से हमारे सामने ऐसा ही क्षण है। अब कूनो नेशनल पार्क में जब फिर से चीते दौड़ेंगे तो मैदानी ईको-सिस्टम पुनर्जीवित होगा, जैव विविधता बढ़ेगी, ईको-टूरिज्म बढ़ेगा, क्षेत्र वासियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और विकास की नई संभावनाएं जन्म लेंगी। यह बात देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कूनो-पालपुर अभयारण्य में चीतों को छोडऩे के बाद कही। प्रधानमंत्री ने चीते छोडऩे के बाद के पल को अपने कैमरे में कैद किया। इसके बाद चीतों की सुरक्षा के लिए 10 गांवों के 457 चीता मित्रों से संवाद किया।
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्योपुर जिले के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क अफ्रीका महाद्वीप के नामीबिया से लाए गए चीतों को छोड़ा। दुनिया की पहली बड़े जंगली मांसाहारी जीव की अंतर महाद्वीपीय स्थानांतरण परियोजना का आरंभ किया। लीवर घुमाकर चीतों को छोडऩे के बाद उन्होंने पूरे देश से कहा कि चीतों की वापसी से जैव विविधता की टूटी कड़ी फिर से जुड़ गई। इससे भारत की प्रकृति प्रेमी चेतना भी पूरी तरह से जाग्रत हो गई है। भारत की धरती पर चीता लौट आया है। पूरे देश को आजादी के अमृत महोत्सव में नई ऊर्जा के साथ जुडऩे का मौका मिला है। आजादी के अमृत महोत्सव में देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास में जुट गया है। कूनो में चीतों को छोडऩे के समय मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव, केन्द्रीय नागरिक उड्यन एवं इस्पाल मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अश्विनी चौबे, प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह प्रधानमंत्री के साथ मौजूद थे।

21 सदी का भारत दे रहा पूरी दुनिया को संदेश
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21 वीं सदी का भारत पूरी दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि इकॉनॉमी और ईकॉलॉजी परस्पर विरोधाभासी नहीं है। यह भारत ने दुनिया को करके दिखाया है। इसके लिए वर्ष 2014 के बाद देश में करीब ढाई सौ नए संरक्षित क्षेत्र जोड़े गए हैं। यह बताया है कि पर्यावरण की रक्षा के साथ ही देश की प्रगति भी हो सकती है। अब हम विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं।
गुजरात को भी किया याद
कूनो में प्रधानमंत्री गुजरात को याद करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि गुजरात देश में एशियाई शेरों का बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है। शेरों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। टाइगर की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य भी हमने तय समय से पहले हासिल किया है। एक समय खतरे मेंं माने जा रहे एक सींग वाले गेंडों की संख्या असम में बढ़ी है। हाथियों की संख्या भी बढ़ कर पिछले वर्षों में 30 हजार से ज्यादा हो गई है। 57 वेटलेंडस को रामसर साइट्स घोषित किया गया है, इनमें 26 पिछले चार वर्ष में जोड़ी गई हैं। देश के लिए हुए इन प्रयासों का प्रभाव आने वाली सदियों तक दिखेगा और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा।
चीते आ गए अब इनको ढलने के लिए दें समय
मोदी ने कूनो में सभी चीता मित्रों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति और पर्यावरण के सरंक्षण में ही हमारा भविष्य सुरक्षित है। कूनो की धरती पर चीते आ गए हैं और इनको वातावरण में ढलने के लिए समय देना जरूरी है। जब तक ये यहां के वातावरण के अभ्यस्त नहीं हो जाते हैं तब तक हमें धैर्य रखना होगा।
यह भी बताया पीएम ने
-मोदी ने सभी देश वासियों से कहा कि चीते हमारे मेहमान बनकर आए हैं। अंतर राष्ट्रीय गाइडलाइन के हिसाब से कूनो में चीतों को बसाने का पूरा इंतजाम किया गया है। इनको देखने के लिए हमें अब कुछ महीनों का इंतजार करना होगा।
-वर्ष 1947 में भारत में सिर्फ 3 चीते बाकी थे, शिकार से इनका अस्तित्व खत्म हो गया और 1952 में भारत से चीते विलुप्त हो गए। इसके बाद से अभी तक चीतों के पुर्नवास के सार्थक प्रयास नहीं हुए। बीते कुछ वर्षों में भारत की धरती पर चीतों के पुनर्वास को नामीबिया, साउथ अफ्रीका सहित भारत के वैज्ञानिकों और विषय-विशेषज्ञों के शोध के बाद चीता एक्शन प्लान बना जिसका परिणाम हमारे सामने है।11:29 PM

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