सेंवढ़ा के सनकुआं में सोमवती अमावस्या के दौरान स्नान करने का अपना ही महत्व है। सनकुआं तीन नदियों का संगम है, इसलिए यहां पर्व पर स्नान करने वालों की भीड़ लगी रहती है। इसके अलावा अंचल के ही श्योपुर में भी तीन नदियों का संगम होता है, जिससे वहां भी सोमवती अमावस्या के अवसर पर काफी भीड़ रही।
क्या होती है सोमवती अमावस्या
आज यानी 21 अगस्त को सोमवती अमावस्या है। इस बार एक ही दिन सोमवती अमावस्या और सूर्य ग्रहण होने का दुर्लभ महायोग बन रहा है। वैसे तो साल में हर महीने अमावस्या आती है लेकिन सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। मान्यता है कि अमावस्या सोमवार को हो और उस दिन सूर्य और चंद्रमा पृथ्वी के एक ही सीध में हों तो बहुत ही शुभ योग होता है। इस दिन नदियों, तालाबों, तीर्थों में स्नान और दान आदि का विशेष महत्व होता है।
ये काम करें इस दिन
संभव हो तो इस दिन गंगा स्नान करना चाहिए और शिव पार्वती की पूजा करना चाहिए। अमावस्या के दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन वृक्षों के पत्ते नहीं तोडऩे चाहिए। गरीबी दून करने का उपाय- मान्यता है कि सोमवती अमावस्या को यदि स्नान और पूजा के बाद तुलसी की 108 बार परिक्रमा की जाए तो दिरद्रता दूर होती है। इसके साथ सूर्य भगवान को अघ्र्य देना और ओंकार नाम का जाप करना भी बहुत ही शुभ फलदाई माना गया है।
ये उपाय करेंगे तो नहीं होगी धन की कमी
सोमवती अमावस्या बड़े ही दुर्लभ संयोग लेकर आई है। इस दिन कुछ उपाय करने से आपकी किस्मत बदल सकती है। यदि आप धन संबंधी परेशानियों को दूर करना चाहते हैं तो सोमवती अमावस्या के दिन किसी पीपल के वृक्ष के समीप जाएं और अपने साथ जनेऊ और संपूर्ण पूजन सामग्री लेकर जाएं। पीपल की पूजा करें और जनेऊ अर्पित करें। इसके साथ ही भगवान श्रीहरि के मंत्रों का जप करें या भगवान विष्णु का ध्यान करें। इसके बाद पीपल की परिक्रमा करते हुए ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जप करें। इससे भगवान विण्णु प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की धन संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं।