सियासत में चौथी पीढ़ी?
ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक बेटे और एक बेटी है। बेटे का नाम महाआर्यमन सिंधिया है और बेटी का नाम अन्नया राजे सिंधिया है। महाआर्यमन सिंधिया, सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी है जो सियासत में कदम रखने को तैयार है। महाआर्यमन सिंधिया अपने पिता ज्योतिरादित्य को बाबा महाराज और मां प्रियदर्शनी को अम्मा महारानी कहते हैं। महाआर्यमन सिंधिया का जन्म 17 नबंवर, 1995 को हुआ है। महाआर्यमन सिंधिया ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह दून स्कूल से की है। महाआर्यमन सिंधिया अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव प्रचार छोड़कर अपने बेटे के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका भी गए थे और उन्होंने इसके फोटो भी अपने ट्विटर पर शेयर किए थे।
मां के साथ मंचों पर नजर आते हैं
महाआर्यमन सिंधिया अपनी मां प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के साथ अक्सर सार्वजानिक मंचों पर नजर आते हैं। वो कई बार मां के साथ सार्वजानिक मंचों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित कर चुके हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया जब गुना-शिवुपरी संसदीय सीट से सांसद थे तो महाआर्यमन सिंधिया अक्सर अपने पिता के संसदीय क्षेत्र में सक्रिय रहते थे। महाआर्यमन सिंधिया ग्वालियर में अक्सर लोगों से मुलाकात करते हैं और उनके साथ संवाद भी करते हैं।
पिता के साथ शमी पूजा करते हैं
ग्वालियर राजघराने की परंपरा है कि दशहरे के दिन सिंधिया परिवार का सदस्य शमी पूजा करता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस परंपरा को कायम रखा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अब उनके बेटे महाआर्यमन सिंधिया भी इस पूजा में शामिल होते हैं। महाआर्यमन सिंधिया युवराज के पोशाक में तो ज्योतिरादित्य सिंधिया महाराज के पोशाक में इस पूजा में शामिल होते हैं। महाआर्यमन सिंधिया को ग्वालियर में युवराज के नाम से पुकारा जाता है।
ग्वालियर राजघराने की परंपरा है कि दशहरे के दिन सिंधिया परिवार का सदस्य शमी पूजा करता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस परंपरा को कायम रखा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अब उनके बेटे महाआर्यमन सिंधिया भी इस पूजा में शामिल होते हैं। महाआर्यमन सिंधिया युवराज के पोशाक में तो ज्योतिरादित्य सिंधिया महाराज के पोशाक में इस पूजा में शामिल होते हैं। महाआर्यमन सिंधिया को ग्वालियर में युवराज के नाम से पुकारा जाता है।
संसद भवन में भी आए थे नजर
महाआर्यमन सिंधिया अपनी मां के साथ संसद भवन भी घूम चुके हैं। वहीं, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली के निधन पर महाआर्यमन सिंधिया उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अपने पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ पहुंचे थे।
महाआर्यमन सिंधिया अपनी मां के साथ संसद भवन भी घूम चुके हैं। वहीं, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली के निधन पर महाआर्यमन सिंधिया उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अपने पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ पहुंचे थे।
400 कमरों के महल में रहते हैं सिंधिया
महाआर्यमन सिंधिया जब भी ग्वालियर आते हैं तो वह अपने पुस्तैनी जयविलास पैलेस में रहते हैं। जयविलास पैलेस वर्ष 1874 में यूरोपियन शैली से बना है। बताया जाता है कि इस शाही महल में कुल 400 कमरे हैं और महल की छतों पर सोना लगा है। इसके 40 कमरों में अब म्यूजियम है। इस पैलेस में रायल दरबार हॉल है। यह हॉल 100 फीट लंबा, 50 फीट चौड़ा और 41 फीट ऊंचा है।
महाआर्यमन सिंधिया जब भी ग्वालियर आते हैं तो वह अपने पुस्तैनी जयविलास पैलेस में रहते हैं। जयविलास पैलेस वर्ष 1874 में यूरोपियन शैली से बना है। बताया जाता है कि इस शाही महल में कुल 400 कमरे हैं और महल की छतों पर सोना लगा है। इसके 40 कमरों में अब म्यूजियम है। इस पैलेस में रायल दरबार हॉल है। यह हॉल 100 फीट लंबा, 50 फीट चौड़ा और 41 फीट ऊंचा है।