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“अब तक 178 अवैध कॉलोनियों का हो चुका है सर्वे, 87 के लिए आर्किटेक्ट तैयार करेंगे लेआउट”
शहर में करीब 585 अवैध कॉलोनियां
हैं। जिनके नियमितीकरण में निगम को पांच साल लग जाएंगे, इसके बाद भी 100 प्रतिशत का टारगेट पूरा नहीं हो सकेगा। इसके पीछे मुख्य कारण अवैध कॉलोनियों में निगम द्वारा पहले से ही सड़क निर्माण, स्ट्रीट लाइट, सीवर लाइन, पानी की पाइपलाइन और सफाई कराया जाना है। इसके चलते इन कॉलोनियों में रहने वाले लोग न तो कॉलोनी को वैध कराने की प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं, न ही अफसरों को दस्तावेज उपलब्ध कराने आगे आ रहे हैं।
यह लगेगा शुल्क
यह कॉलोनी नहीं होंगी वैध
विकास योजना, मुख्य मार्ग, उद्यान, खेल का मैदान, सांस्कृतिक आस्तियों के क्षेत्र, नदी तालाब, नाले तथा हरित क्षेत्र, आमोद, प्रमोद के क्षेत्र में स्थित अनाधिकृत कॉलोनियों का नियमितीकरण नहीं होगा।
भ्रमित करने की योजना
लोगों को भ्रमित करने की योजना है। निगम अफसर पहले ही सांठगांठ कर अवैध कॉलोनियों को गुलजार कर चुके हैं। इसलिए इन कॉलोनियों को वैध कराने लोग आगे नहीं आ रहे हैं।
कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम
सबको लाभ
गरीबों को लाभ होगा। मकान टूटने का डर न हो, कोई अफसर और कर्मचारी उन्हें परेशान न करे, इसके लिए सरकार अवैध कॉलोनियों को वैध करने जा रही है। निगम को भी राजस्व प्राप्त होगा।
धर्मेंद्र तोमर, एमआइसी सदस्य ननि
समय पर होगा काम
योजना का लाभ लोगों को मिले इसके लिए तेजी से सर्वे करा रहे हैं। इंजीनियर घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर उन्हें प्रेरित कर रहे हैं। समय पर मानक पूरा करने वाली अवैध कॉलोनियों को वैध कर लेंगे।
विनोद शर्मा, आयुक्त नगर निगम