बताया जा रहा है कि आरोपी विनोद खुद को और अपनी को पत्नी नीतू को नगर निगम का कर्मचारी बताता था। ठगी का शिकार शख्स मुकेश सिंह का कहना है कि आरोपी विनोद ने प्रधानमंत्री आवास को री-सेल करने का हवाला देकर उनसे दो बार में ढाई – ढाई लाख रुपए लिए थे। आरोपी दंपत्ति ने सिर्फ मुकेश ही नहीं, बल्कि एक दर्जन से अधिक लोगों से भी इसी तरह रकम ली थी। मुकेश ने बताया कि जब उसने दिए पैसों की रसीद मांगी तो विनोद ने उन सभी को नगर निगम की रसीदें भी दे दीं। बाद में पता चला कि वो सभी रसीदें तक फर्जी हैं।
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आरोपी ने पुलिस के सामने कबूल किया जुर्म
मामला उजागर होने के बाद आरोपी विनोद फरार हो गया था, जिसे मुकेश के साथ साथ ठगी का शिकार हुए अन्य पीड़ितों ने ही मुरैना में पकड़ लिया था। ये लोग आरोपी को हजीरा थाने ले आए। यहां आरोपी ने न सिर्फ पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल किया, बल्कि लोगों से ठगी रकम लौटाने का भी वादा किया था। फिर भी आरोपी ने कई महीनों बाद तक ठगी की एक फूटी कोड़ी तक किसी पीड़ित को नहीं लौटाई। यह भी पढ़ें- MP के CRPF जवान की हरियाणा में मौत, विधानसभा चुनाव की ड्यूटी पर गया था, तिरंगे में लिपटकर लौटा पार्थिव शरीर