इस संबंध में शहर के रतन ज्योति नेत्रालय के संचालक डॉ. पुरेन्द्र भसीन का कहना है कि शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और नाजुक अंग आंखों के प्रति लापरवाही लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है, इसलिए आंखों को रंग से बचाएं। अगर किसी की आंख में रंग चला जाए तो घबराएं नहीं, बल्कि उसे साफ पानी से धोकर डॉक्टर से परामर्श लें।
यह भी पढ़ें- कन्या विवाह योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, देखें कैसे आपके हक पर डाका डालते हैं जिम्मेदार, लाखों का हेरफेर
जिला अस्पताल में आई स्पेशलिस्ट डॉ. गजराज गुर्जर ने बताया कि होली पर आजकल कई तरह के कलर आंख की क्रॉर्निया को खराब कर रहे हैं। ऐसे में रंग से बचाव के लिए सफेद चश्मा लगाएं। अगर रंग चला जाता है तो आंख को रगड़े नहीं। अगर अचानक से ज्यादा दिक्कत होने लगे तो तुरंत ही डॉक्टर को दिखाएं।
वहीं, जीआरएमसी में आई स्पेशलिस्ट डॉ. डीके शाक्य ने बताया कि होली पर अक्सर आंख में रंग चला जाता है। अगर किसी की आंख में रंग चला जाए तो लगातार साफ पानी से उसे धोते रहें। आजकल केमिकल का उपयोग भी रंगों में हो रहा है, ऐसे रंगों से बचाव करना चाहिए।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ कमल भदौरिया ने कहा कि होली के रंगों से त्वचा पर काफी प्रभाव पड़ता है। इससे बचने के लिए होली खेलने से पहले सेरामाइड क्रीम और लोशन का उपयोग करें। इसके बाद अच्छी तरह से साबुन से साफ कर लें। इससे त्वचा नरम, चिकनी और स्वस्थ रहती है।
यह भी पढ़ें- Bhojshala Survey : भोजशाला में सर्वे का तीसरा दिन, ASI जांच के बीच मुस्लिम पक्ष ने रख दी बड़ी डिमांड
हानिकारक सिंथेटिक रंगों से बचें, ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करें। होली खेलने से पहले चेहरे पर नारियल का तेल या वैसलीन लगा लें। आंखों को चोट लग सकती है, इसलिए गुब्बारे फेंककर होली बिल्कुल न खेलें। कॉन्टेक्ट लैंस लगाकर होली न खेलें। यदि आंख में रंग-गुलाल चला जाए तो आंख को रगड़ें नहीं, बल्कि साफ पानी से अच्छे से धो लें। इसके बाद भी आराम न मिले या आंख में कोई भी परेशानी आए तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें व उनके परामर्श अनुसार ही उपचार कराएं।