भारत के ह्रदय राज्य मध्य प्रदेश में स्थित इस मंदिर में हिंदी के प्रति लोगों की भक्ति ऐसी है, जिसके चलते यहां हर रोज सुबह-शाम हिंदी की पूजा नित्य की जाती है। देश का इकलौता हिंदी माता का मंदिर मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में बना हुआ है। ग्वालियरवासी हिंदी को रोजाना देवी के समान पूजते हैं। इन लोगों का मानना है कि, हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि देवी हैं। यही कारण है कि, उनके लिए बाकायदा मंदिर स्थापित कर पूजन-अर्चन किया जाता है।
हिंदी दिवस पर विशेष पूजा
मंदिर में विशेष तौर पर हिंदी माता की पूजा के लिए मूर्ति स्थापित की गई है। हिंदी भक्तों के अलावा नियमित तौर पर एक पुजारी भी अन्य देवी मंदिरों के समान मंदिर में सुबह-शाम पूजन-अर्चन कराने के लिए नियुक्त हैं। खासतौर पर 14 सितंबर यानी हिंदी दिवस के अवसर पर मंदिर में हिंदी माता की मंत्रोच्चारण के साथ विशेष पूजा की जाती है।
हिंदी देवी मंदिर का इतिहास
बता दें कि, ग्वालियर में रहने वाले विजय सिंह नाम के हिंदी प्रेमी ने यहां हिंदी माता के मंदिर का निर्माण कराया है। उनके साथ शहर के अन्य हिंदी प्रेमियों ने मंदिर में संगमरमर से बनी हिंदी माता की मूर्ति स्थापित कराई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, हिंदी माता के भक्त विजय सिंह ने पहले मंदिर निर्माण के लिए प्रशासन से जमीन मांगी थी, लेकिन प्रशासन की ओर से उनकी बात गंभीरता से न लिए जाने पर उन्होंने खुद ही शहर के नजदीक स्थित सत्यनारायण टेकरी पर जमीन खरीदी और उसपर हिंदी माता के मंदिर की स्थापना की।