ग्वालियर. पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) को हाई कोर्ट ( High Court ) से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया सेमत उनकी बहन और मां पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। शासकीय जमीन को खुर्द-बुर्द करने के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय यादव जस्टिस विवेक अग्रवाल की डिविजन बैंच ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उनकी मां माधवी राजे और बहन चित्रांगदा राजे के साथ कमला राजे चैरिटेबल ट्रस्ट पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
उपेंद्र चतुर्वेदी ने जनहित याचिका दायर करते हुए मौजा महल गांव स्थित जमीन को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगाया था। याचिका में इसमें सिंधिया उनकी मां और बहन को भी पक्षकार बनाया गया था। 2014 में दायर जनहित याचिका में कोर्ट को नोटिस तामील कराने में भी काफी समय लग गया और कई बार जबाव देने के लिए समय भी मांगा गया। सिंधिया की तरफ से तय समय में जवाब नहीं दिया गया। जिसके बाद कोर्ट ने सिंधिया के ऊपर जुर्माना लगाया। कोर्ट ने इस मामले में 2 हफ्ते में समय भी मांगा है।
क्या है मामला?
उपेंद्र चतुर्वेदी ने 2014 में जनहित याचिका दायर कर महलगांव स्थित सर्वे क्रमांक 1211 ( 6 बीघा 1 बिस्वा) और 1212 (14 बिस्वा) की जमीन को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगाया है। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी मां, बहन और कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट को भी पक्षकार बनाया गया है। इस जमीन को बेचा नहीं जा सकता, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके ट्रस्ट ने जमीन नारायण बिल्डर्स को बेच दी। बिल्डर ने जमीन पर बहुमंजिला इमारत खड़ी कर दी। उन्होंने मांग की थी कि जमीन की रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर मामले की जांच कराई जाए। महलगांव की जमीन के मामले में पक्षकारों की ओर से जवाब पेश करने के लिए वक्त मांगा गया था था। कोर्ट ने हर्जाने की शर्त पर 15 दिन की मोहलत दी है। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से अपना चुनाव हार गए हैं।
उपेंद्र चतुर्वेदी ने 2014 में जनहित याचिका दायर कर महलगांव स्थित सर्वे क्रमांक 1211 ( 6 बीघा 1 बिस्वा) और 1212 (14 बिस्वा) की जमीन को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगाया है। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी मां, बहन और कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट को भी पक्षकार बनाया गया है। इस जमीन को बेचा नहीं जा सकता, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके ट्रस्ट ने जमीन नारायण बिल्डर्स को बेच दी। बिल्डर ने जमीन पर बहुमंजिला इमारत खड़ी कर दी। उन्होंने मांग की थी कि जमीन की रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर मामले की जांच कराई जाए। महलगांव की जमीन के मामले में पक्षकारों की ओर से जवाब पेश करने के लिए वक्त मांगा गया था था। कोर्ट ने हर्जाने की शर्त पर 15 दिन की मोहलत दी है। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से अपना चुनाव हार गए हैं।