18 सितंबर को कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पडऩे के बाद चक्रवातीय घेरे के रूप में ग्वालियर, भिंड व श्योपुर के ऊपर रहेगा। इस दिन भी बारिश जारी रहेगी। बता दें कि इस बार ग्वालियर में हुई मूसलाधार बारिश ने 98 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। हालात बदतर हो चले थे। वहीं अब मौसम विभाग के अलर्ट के बाद एक बार फिर ग्वालियर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। वहीं मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के 37 जिलों में भारी से तेज बारिश का आरेंज और येलो अलर्च जारी किया है।
भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट पर है। क्योंकि बारिश से फिर से बरसाती नाले, नदियों में उफान आ सकता है।
11-13 सितंबर के बीच 36 घंटे लगातार भारी बारिश होने से नदी नाले उफान पर आ गए थे, जिससे जिले में बाढ़ आ गई थी। बाढ़ का पानी उतर गया है। अपने घरों में पहुंचकर लोगों ने राहत की सांस ली।
बंगाल की खाड़ी से एमपी पहुंच रहा एक्टिव सिस्टम
फिर से बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम आ रहा है। पिछले सिस्टम से थोड़ा कमजोर है, लेकिन एक बार फिर
मध्यप्रदेश में खासतौर पर ग्वालियर अंचल में भारी बारिश होने से नदी नाले उफान पर रहेंगे। क्योंकि ज्यादातर जल स्रोत भर चुके हैं। जितना भी पानी बरसेगा, वह नदी और नालों में आएगा और बाढ़ का खतरा भी उतना ही बढ़ेगा।
सोमवार को कुछ ऐसा रहा मौसम का हाल
सोमवार को
ग्वालियर में अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। हालांकि तापमान सामान्य रहने की वजह से उमस से राहत रही।
छत्तीसगढ़-झारखंड के पास है सिस्टम
कम दबाव का क्षेत्र झारखंड और छत्तीसगढ़ के बीच सक्रिय है। मानसून ट्रफ लाइन पश्चिमी उत्तर प्रदेश होते हुए जम्मू कश्मीर तक जा रही है। मानसून ट्रफ लाइन भी अनुकूल स्थिति में है।
कश्मीर में चक्रवातीय घेरा बना हुआ है, जिससे अरब सागर से भी नमी आ रही है।
-अंचल का मौसम 17 सितंबर को दोपहर बाद बदलना शुरू हो जाएगा। गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हो सकती है। -सिस्टम के नजदीक आने पर हवा की गति भी बढ़ जाएगी। बारिश भी तेज होगी। -इस सिस्टम से अंचल में 100 से 150 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज होने की संभावना है। –
शिवपुरी सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है। शिवपुरी की बारिश ग्वालियर जिले में बाढ़ ला सकती है।