हाइपरटेंशन इसका एक कारण था. अब इसके पीछे कोरोना के बाद खून में थक्के (जमना (क्लॉटिंग) सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है। क्लॉटिंग शरीर के अन्य हिस्सों में होने पर इसका इतना खतरा नहीं होता, जितना कि हृदय की धमनियों में क्लॉटिंग होने पर होता है। ऐसा होने पर 30 सेकेंड और एक मिनट में ही हार्ट काम करना बंद कर देते हैं। ऐसी स्थिति रात में नींद में हो तो घातक होता है।
डॉ. प्रतीक सिंह भदौरिया, हृदय रोग विशेषज्ञ कल्याण हॉस्पिटल का कहना है कि कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में अब खून का थब्बा जमने से हार्ट की समस्या भी बढ़ रही है, जिसमें 25 से 40 वर्ष के युवा इससे ज्यादा पीड़ित हैं। यह फेफड़ों के साथ शरीर में परेशानी कर रहा है, जिससे दिल की धड़कन तेज हो रही है। ऐसे में शुगर के साथ ब्लड प्रेशर या अन्य बीमारी के लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। ऐसे मामले एक डेढ़ साल से ज्यादा बढ़े हैं।
डॉक्टरों की सलाह… नियमित चैकअप कराएं, परामर्श लें
डॉ. प्रवीण मंगल हृदय रोग विशेषज्ञ , बिरला अस्पताल का कहना है कि पिछले एक डेढ़ साल से युवाओं में हार्ट अटैक की समस्या काफी बढ़ी है। इसके चलते अब तीस से 35 वर्ष के लोग ज्यादा आ रहे हैं। इसके लिए नियमित चैकअप कराना काफी जरूरी है। -35 वर्ष के अधिक लोगों को ना नियमित चैकअप कराते रहना दय चाहिए। युवा अवस्था में हार्ट अटैक ज्यादा घातक है।
डॉ. रविशंकर डालमिया, हृदय रोग का कहना है कि बिना प्रोपर ट्रेनर के एक्सरसाइज करने से भी इसकी समस्या सामने आ रही है। कई मामलों में देखा गया है कि लोग रात में अटैक या कोई हार्ट से संबंधित समस्या आती है तो सुबह डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। ऐसे में सुबह का इंतजार न करो। तुरंत परेशानी आने पर डॉक्टर को दिखाओ।