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Gwalior News: भ्रष्ट आरक्षक को बचाने 10 साल बाद बयान से मुकरा फरियादी, अब इस पर भी चलेगा केस

Gwalior News: विशेष सत्र न्यायालय ने बयानों से मुकरने पर फरियादी पर धारा 195 के तहत केस चलाने की अनुमति दी

ग्वालियरJun 18, 2024 / 07:46 am

Sanjana Kumar

Gwalior News: भ्रष्टाचार के आरोपी प्रधान आरक्षक को बचाना फरियादी को भारी पड़ गया। विशेष सत्र न्यायालय ने बयानों से मुकरने पर फरियादी पर धारा 195 के तहत केस चलाने की अनुमति दी है।

ये है मामला

2 सितंबर-2014 को तुलसी प्रजापति ने लोकायुक्त कार्यालय मोतीमहल में शिकायत की। उसने बहोड़ापुर थाने के प्रधान आरक्षक हरिशंकर चतुर्वेदी पर आरोप लगाया कि धारा 151 व 110 के आपराधिक मामले में राहत दिलाने के बदले में 5 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। वह हरिशंकर को रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़वाना चाहता था।
रिश्वत मांगने की पुष्टि होने के बाद लोकायुक्त ने प्रधान आरक्षक को तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ लिया। पुलिस ने चालान तैयार कर न्यायालय में पेश किया। 31 जनवरी-2020 को कोर्ट ने प्रधान आरक्षक को चार साल की सजा सुनाई। पर जब केस में फरियादी तुलसी प्रजापति के बयान दर्ज हुए तो उसने आरोपी की पुष्टि नहीं की। वह अपने बयानों से मुकर गया।

क्या है धारा 195

  • यदि कोई गवाह झूठी गवाही देता है तो उसके खिलाफ धारा 195 के तहत केस चलता है।
  • यह अपराध साबित होता है तो उसे अधिकतम सात साल तक की सजा हो सकती है।
  • जिसकी झूठी गवाही पर सजा हुई है, उतनी ही सजा गवाह को होगी।
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