इसके अलावा घटना स्थल पर फायर ब्रिगेड गाड़ी को लेट पहुंचाने के मामले में अपर आयुक्त मुनीश सिकरवार ने दोपहर को फायरकर्मी जगदीश राणा, दिलीप शर्मा, रघुवीर यादव और उस्मान के कथन दर्ज करने के लिए निगम मुख्यालय बुलाया, जहां सभी के कथन दर्ज कर एक रिपोर्ट तैयार कर आयुक्त को कार्रवाई के लिए भेजा गया है। हालांकि रिपोर्ट में गाड़ी को समय पर भेजे जाने और संकरी गली में अन्य गाड़ी खड़ी होने, पांच टैंकरों के माध्यम से फायर गाड़ी को पानी से भरकर आग पर पानी फेंकने का हवाला दिया गया।
2020 में खरीदे गए थे फायर बॉल, परीक्षण किया तो चले ही नहीं
ग्वालियर नगर निगम मुख्यालय में फायर बॉल को लेकर अपर आयुक्त मुनीश सिकरवार ने दोपहर 12 बजे फायर बॉल का परीक्षण किया। इस दौरान निगम मुख्यालय में रखी सभी 10 फायर बॉल की जांच की गई तो वह एक्सपायरी डेट के निकले और उन्हें वर्ष 2020 में खरीदा गया था। फायर बॉल की तीन साल की गारंटी थी, जो 2023 में खत्म हो चुकी थी। इस दौरान फायर बॉल का परीक्षण भी किया गया तो वह नहीं चले और कुछ चले भी तो 4 से 5 मिनट बाद। अपर आयुक्त ने बताया कि बड़ी आग में फायरबॉल को लेकर स्टाफ नहीं जाता है, इसलिए उसे नहीं लेकर गए। फायर बॉल छोटी आग में ही काम सही ढंग से करती है। बता दें कि पूर्व फायर अधिकारी जखैनिया के समय 2020 में यह फायर बॉल खरीदे गए थे उसके बाद से निगम में कोई भी फायर बॉल नहीं खरीदी गई है।