ग्वालियर

हादसा: स्कूल वैन में बैठे थे 8 बच्चे….तभी LPG किट से धधकने लगे आग के गोले, और फिर…

Gwalior news: भितरवार की घटना के बाद अलर्ट- कलेक्टर ने एसडीएम व आरटीओ को सौंपी जांच की जिम्मेवारी, सभी स्कूली वाहनों की जांच के आदेश

ग्वालियरJul 07, 2024 / 08:35 am

Astha Awasthi

Gwalior news

Gwalior news: ग्वालियर में एलपीजी गैस किट लगी स्कूल वैन में शनिवार बड़ा हादसा टल गया। चलती वैन में अचानक धुंआ उठने लगा। वैन में आठ बच्चे सवार थे। फौरन लोगों ने बच्चों को नीचे उतारा। इसके बाद वैन आग की लपटों में घिर गई। करीब 10 फीट से अधिक ऊंची आग की लपटें वैन से निकल रही थी।
इस हादसे को देखते हुए कलेक्टर रुचिका चौहान ने स्कूल वैन, बस में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन कराने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम व क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) इनकी जांच करेंगे। इधर, घटना के बाद एसडीएम भितरवार डीएन सिंह ने तत्काल क्षेत्र के सभी निजी स्कूलों के संचालकों व प्राचार्यों की बैठक ली। उन्होंने बैठक में स्कूलों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की एक बार पुन: विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

स्कूली वाहन में नियम का पालन नहीं तो होंगे जब्त

साथ ही स्पष्ट किया कि सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करें। जिन स्कूली वाहनों में दिशा-निर्देशों का पालन नहीं मिला उन्हें जब्त कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा बच्चे स्कूल तक सुरक्षित आएं और सुरक्षित अपने घर तक पहुंचें, यह स्कूलों की भी जिम्मेदारी है।
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इस गाइड लाइन का करना होगा पालन

-बस के आगे-पीछे बड़े एवं स्पष्ट पढ़ने योग्य अक्षरों में स्कूल बस लिखना अनिवार्य होगा। बस किराए की है तो आगे-पीछे विद्यालयीन सेवा (ऑन स्कूल ड्यूटी) लिखना होगा।
-बस में निर्धारित सीटों से अधिक संख्या में बच्चे नहीं बैठाए जाएं। बस की खिड़कियों में आड़ी पट्टियां अनिवार्य रूप से लगवानी होंगी।

-बस में फर्स्ट एड बॉक्स (प्राथमिक चिकित्सा उपचार किट) और अग्निशमन यंत्र अनिवार्यत: रखने होंगे। बस पर स्कूल का नाम एवं टेलीफोन नंबर लिखा होना चाहिए। बस के दरवाजे पर सुरक्षा के लिए डोर हैंडल लॉक लगा होना चाहिए।
-स्कूली बस के चालक पर न्यूनतम पांच वर्षों का अनुभव होना चाहिए। साथ ही वाहन चालक को पूर्व में यातायात नियमों के उल्लंघन का दोषी नहीं होना चाहिए।

-बच्चों के स्कूल बैग रखने के लिए सीटों के नीचे जगह की व्यवस्था भी करना होगी। सुरक्षा को ध्यान में रखकर स्कूल आते-जाते समय बस में यथा संभव एक शिक्षक होना चाहिए।

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