धीमे, धीमे सुलगी आग, धुएं से दम घुटा
ग्वालियर पुलिस के मुताबिक पूरी तरह खाक हो चुके मकान में विजय और उनकी दो बेटियों के शव सही सलामत निकले हैं। तीनों के कपड़े भी नहीं झुलसे थे। इससे जाहिर है कि आग की लपटें उनके कमरों के अंदर तक नहीं पहुंची थी। आशंका है आग काफी देर तक धीरे-धीरे सुलगती रही है। उसका धुआं घर में भरा है। विजय और उनकी दोनों बेटियां नींद में थे धुएं से उनका दम घुटा है। विजय के पड़ोसियों ने भी बताया था आग देखकर उन्होंने विजय और उनकी बेटियों को आवाज दी थी, लेकिन घर से जवाब नहीं मिला था।दमकल को कोस रही कॉलोनी
दर्दनाक हादसे में विजय और उनकी दो बेटियों को बचाने के दौरान क्या खामियां रहीं। अब उन्हें खंगाला जा रहा है। कैलाशनगर में विजय के पड़ोसी और परिचित दमकल विभाग को कोस रहे हैं। लोगों का कहना है दमकल विभाग की लापरवाही से हादसा गंभीर हुआ है। फायर ब्रिगेड पानी लाने में देर नहीं करती तो शायद विजय और उनकी दो बेटियों की जान बच सकती थी।
सीएमएचओ ने 108 से पूछी खामियां
दमकल के अलावा विजय और उनकी बेटियों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस भी बुलाई थी। एक एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं होने का आरोप भी लगा था। शुक्रवार को सीएमएचओ डा. आरके राजौरिया ने 108 एंबुलेंस के प्रभारी गोपाल नेगी से एंबुलेंस में खामियों के बारे में पूछा है। गोपाल नेगी ने उन्हें बताया है कि घटना के दौरान कैलाशनगर में तीन एंबुलेंस भेजी गई थीं। विजय गुप्ता का शव और एक में उनकी दो बेटियों के शव अस्पताल लाए गए थे। एक एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं थी।जांच से पता चलेगा कैसे लगी आग
कारोबारी के तीन मंजिला मकान को सील किया है। मर्ग कायम कर मामले की जांच की जा रही है। फोरेंसिक और बिजली विभाग की जांच में पता चलेगा कि आग कैसे लगी थी। -जितेन्द्र तोमर, बहोडापुर टीआइ