गत दिवस शहर आए सीआइआइ के मप्र स्टेट काउंसिल के चेयरमैन राजेश खरे ने कहा था कि ग्वालियर में नया एयरपोर्ट बनाए जाने को लेकर जल्द ही आमजन से सर्वे प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इधर आमजन का मानना है कि नया एयरपोर्ट बनता है तो हर रोज यहां से अलग-अलग शहरों के लिए 1 हजार पैसेंजर मिल जाएंगे।
अभी यह है फ्लाइट की सुविधा
वर्तमान में महाराजपुरा स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया टर्मिनल से इंदौर, दिल्ली और मुंबई के लिए फ्लाइट है। यह फ्लाइट हफ्ते में तीन दिन यहां से जाने और आने के लिए उपलब्ध है। चूंकि एक ही फ्लाइट चारों शहरों को कवर करती है, इसके चलते कई बार लेट भी हो जाती है।
वर्तमान में महाराजपुरा स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया टर्मिनल से इंदौर, दिल्ली और मुंबई के लिए फ्लाइट है। यह फ्लाइट हफ्ते में तीन दिन यहां से जाने और आने के लिए उपलब्ध है। चूंकि एक ही फ्लाइट चारों शहरों को कवर करती है, इसके चलते कई बार लेट भी हो जाती है।
तब सस्ता पड़ेगा फ्लाइट का किराया
जानकारी के मुताबिक शहर से हर रोज 4 हजार से अधिक यात्री ट्रेन के एसी टिकट से यात्रा करते हैं। यहां से मुंबई फ्लाइट का किराया अभी महंगा पड़ता है। साथ ही समय भी अधिक लगता है। पैसेंजर यदि दिल्ली से मुंबई फ्लाइट से जाता है तो उसे ढाई हजार रुपए देने पड़ते हैं, वहीं शहर से मुंबई जाने के लिए करीब 10 हजार रुपए देना पड़ते हैं। यदि नया एयरपोर्ट बनेगा तो यहां कई निजी कंपनियां भी काम करने लगेंगी, जिससे किराया भी कम लगेगा।
जानकारी के मुताबिक शहर से हर रोज 4 हजार से अधिक यात्री ट्रेन के एसी टिकट से यात्रा करते हैं। यहां से मुंबई फ्लाइट का किराया अभी महंगा पड़ता है। साथ ही समय भी अधिक लगता है। पैसेंजर यदि दिल्ली से मुंबई फ्लाइट से जाता है तो उसे ढाई हजार रुपए देने पड़ते हैं, वहीं शहर से मुंबई जाने के लिए करीब 10 हजार रुपए देना पड़ते हैं। यदि नया एयरपोर्ट बनेगा तो यहां कई निजी कंपनियां भी काम करने लगेंगी, जिससे किराया भी कम लगेगा।
उद्योग, पर्यटन और शिक्षा पर होगा बड़ा असर
यहां सबसे सस्ती जमीन की उपलब्धता होने के बावजूद औद्योगिक विकास नहीं हो पा रहा है।
– देशी और विदेशी पर्यटक दिल्ली और आगरा तक आते हैं, वह ग्वालियर आना इसलिए पसंद नहीं करते, क्योंकि यहां फ्लाइट सुविधा नहीं है।
– शिक्षा के क्षेत्र में शहर हब बन जाने के बाद भी दूसरे शहरों की विजिटिंग फैकल्टी यहां नहीं आना चाहती है। दूसरे शहरों में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए भी समस्या है।
यहां सबसे सस्ती जमीन की उपलब्धता होने के बावजूद औद्योगिक विकास नहीं हो पा रहा है।
– देशी और विदेशी पर्यटक दिल्ली और आगरा तक आते हैं, वह ग्वालियर आना इसलिए पसंद नहीं करते, क्योंकि यहां फ्लाइट सुविधा नहीं है।
– शिक्षा के क्षेत्र में शहर हब बन जाने के बाद भी दूसरे शहरों की विजिटिंग फैकल्टी यहां नहीं आना चाहती है। दूसरे शहरों में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए भी समस्या है।
होगा विकास
ग्वालियर में नवीन एयरपोर्ट की मांग बहुप्रतीक्षित है। यह शहर के चहुंमुखी विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है, इसलिए सरकार को इसे जल्द बनाने पर विचार करना चाहिए। चेंबर इसके लिए पहले मांग भी कर चुका है।
डॉ.प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी सचिव, चेंबर ऑफ कॉमर्स
ग्वालियर में नवीन एयरपोर्ट की मांग बहुप्रतीक्षित है। यह शहर के चहुंमुखी विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है, इसलिए सरकार को इसे जल्द बनाने पर विचार करना चाहिए। चेंबर इसके लिए पहले मांग भी कर चुका है।
डॉ.प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी सचिव, चेंबर ऑफ कॉमर्स
पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
यदि एक और एयरपोर्ट बनता है तो निश्चित ही इससे देशी और विदेशी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अभी पर्यटक दिल्ली और आगरा से ही वापस लौट जाते हैं। साथ ही बाहर से आने वाली विजिटिंग फैकल्टी भी यहां आने लगेगी।
संदीप कुलश्रेष्ठ, डायरेक्टर, आइआइटीएम
यदि एक और एयरपोर्ट बनता है तो निश्चित ही इससे देशी और विदेशी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अभी पर्यटक दिल्ली और आगरा से ही वापस लौट जाते हैं। साथ ही बाहर से आने वाली विजिटिंग फैकल्टी भी यहां आने लगेगी।
संदीप कुलश्रेष्ठ, डायरेक्टर, आइआइटीएम
हमारा निर्यात नहीं बढ़ रहा है
विदेशी ग्राहक एयरपोर्ट न होने के कारण ग्वालियर आना पसंद नहीं करते हैं। इसके चलते इतने सारे एक्सपोर्टेक होने के बाद भी हमारा निर्यात नहीं बढ़ रहा है। इसके अलावा सभी बहुराष्ट्रीय और आइटी कंपनियां केवल उसी शहर में अपना उद्यम स्थापित करती हैं, जहां सुचारू एयर कनेक्टिविटी हो। इसी के चलते शहर का आइटी पार्क भी फेल हो गया, और मालनपुर के साथ बामौर में भी नए उद्योग नहीं आ पा रहे हैं।
आशीष वैश्य, सचिव, श्यामा प्रसाद औद्योगिक क्षेत्र
विदेशी ग्राहक एयरपोर्ट न होने के कारण ग्वालियर आना पसंद नहीं करते हैं। इसके चलते इतने सारे एक्सपोर्टेक होने के बाद भी हमारा निर्यात नहीं बढ़ रहा है। इसके अलावा सभी बहुराष्ट्रीय और आइटी कंपनियां केवल उसी शहर में अपना उद्यम स्थापित करती हैं, जहां सुचारू एयर कनेक्टिविटी हो। इसी के चलते शहर का आइटी पार्क भी फेल हो गया, और मालनपुर के साथ बामौर में भी नए उद्योग नहीं आ पा रहे हैं।
आशीष वैश्य, सचिव, श्यामा प्रसाद औद्योगिक क्षेत्र
दो दिन आने-जाने में ही निकल जाएंगे
मेरे कॉलेज की चार दिन की छुट्टियां हो गई हैं। दिल्ली, मुंबई के सभी दोस्त अपने घर रवाना हो गए हैं, लेकिन मैं हवाई सुविधा नहीं होने के कारण ग्वालियर नहीं आ पा रही हूं। चार दिन की छुट्टियों में यदि मैं दिल्ली होकर ग्वालियर आती हूं तो दो दिन आने-जाने में ही निकल जाएंगे।
आकांक्षी, बीटेक कम्प्यूटर साइंस स्टूडेंट्स, चेन्नई
मेरे कॉलेज की चार दिन की छुट्टियां हो गई हैं। दिल्ली, मुंबई के सभी दोस्त अपने घर रवाना हो गए हैं, लेकिन मैं हवाई सुविधा नहीं होने के कारण ग्वालियर नहीं आ पा रही हूं। चार दिन की छुट्टियों में यदि मैं दिल्ली होकर ग्वालियर आती हूं तो दो दिन आने-जाने में ही निकल जाएंगे।
आकांक्षी, बीटेक कम्प्यूटर साइंस स्टूडेंट्स, चेन्नई
प्रयास कर रहे हैं
सिविल एयरपोर्ट की जरूरत शहर और अंचल दोनों के लिए ही जरूरी है। इसके लिए पूर्व से प्रयास जारी हैं। नई संभावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है।
नरेन्द्र सिंह तोमर, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री