हाईकोर्ट के नामी वकील सुरेश अग्रवाल का शव रविवार देर रात उनके फ्लैट में फांसी के फंदे पर लटका मिला। ग्वालियर के बलवंत नगर के मनोहर एन्क्लेव में फ्लैट में शव के पास उनकी जन्म कुंडली भी मिली।
सुरेश अग्रवाल पर करीब चार महीने पहले हाईकोर्ट के जज से अभद्रता का आरोप लगा था। इसके बाद बार एसोसिएशन ने उन्हें निलंबित कर दिया था। तभी से सुरेश अग्रवाल डिप्रेशन में आ गए और उन्होंने इलाज भी कराया। उन पर क्रिमिनल केस भी था जिसकी सुनवाई दो दिन बाद है।
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वकील के रूप में सुरेश अग्रवाल की प्रदेशभर में धाक थी। उन्होंने कई बड़े मामले लड़े जिससे उनकी ख्याति भी फैली। सम्राट मिहिर भोज जाति विवाद, सेंटपॉल चर्च के फादर की संदिग्ध मौत के मामलों में उन्होंने पैरवी की।
वकील के रूप में सुरेश अग्रवाल की प्रदेशभर में धाक थी। उन्होंने कई बड़े मामले लड़े जिससे उनकी ख्याति भी फैली। सम्राट मिहिर भोज जाति विवाद, सेंटपॉल चर्च के फादर की संदिग्ध मौत के मामलों में उन्होंने पैरवी की।
अधिवक्ता सुरेश अग्रवाल के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। उनका एक भाई भी साथ ही रहता है। एएसपी सिटी अखिलेश रेनवाल ने बताया कि वकील सुरेश अग्रवाल के डिप्रेशन में होने और इलाज कराने की बात सामने आई है। पुलिस हर ऐंगल से जांच कर रही है।
सुरेश अग्रवाल परिवार के साथ थाटीपुर में रहते थे लेकिन इस फ्लैट में भी कभी-कभार आ जाते थे। उनकी आत्महत्या की सूचना मिलते ही पुलिस और फोरेंसिक एक्सपर्ट फ्लैट पर पहुंचे और सबूत इकट्ठा किए। सुरेश अग्रवाल के शव के पास उनकी जन्म कुंडली और एक रजिस्टर मिला। उनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी बताई जा रही है।