इसके साथ ही यहां पानी का भंडारण होने के बाद आपात हालात में फायर ब्रिगेड के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा। वहीं पानी में बोटिंग शुरू कर आस पास के एरिया में पर्यटन को बढ़ावा भी दिया जाएगा। जिससे यहां रोजगार के नए साधन भी पैदा हो सकेंगे। बहरहाल उक्त सभी तथ्यों को लेकर नगर निगम ने इसके लिए सर्वे आदि का काम शुरू करा दिया है। इसके लिए एलेप्पो संस्था से फंड की डिमांड की जाएगी। जिसमें करीब ७ से ८ करोड़ रुपए व्यय होगा। अगर प्लान मंजूर होता है तो यहां साल भर खेल गतिविधियां भी आयोजित की जा सकेंगी। जिससे यहां होने वाले आत्महत्या के मामलों में भी कमी आएगी।
इन क्षेत्रों को होगा विशेष लाभ
सागर ताल किले के पिछले हिस्से में है। शहर में बड़े तालों के रूप में सागरताल का नाम अभी सुसाइड पॉइंट के नाम से ज्यादा चर्चा में इसलिए रहता है। क्योंकि दिन और रात में वहां चहल कदमी कम होने से कुछ लोगों के लिए यह सुसाइड पॉंइंट बन जाता है। लेकिन जब यहां प्रतिदिन तैराक मौजूद रहेंगे। और खेल गतिविधियां व बोटिंग होने से एेसे लोगों पर नहर रखी जा सकेगी जिससे समय रहते उनकी जान भी बचाने में यह योजना विशेष तौर पर तैयार की जा रही है।
पूरे क्षेत्र का विकास
उच्च शिक्षा मंत्री से चर्चा हो चुकी है। हम इसकी योजना बना रहे हैं। वर्तमान में पानी के भरे रहने से वह सड़ जाता है। हम प्लांट लगाकर साफ पानी ताल में भरेंगे इसके बाद उसका ओवर फ्लो होने वाला पानी नाले में छोड़ा जाएगा। जिससे ताल के अंदर पानी में हमेशा गति बनी रहेगी जिससे वह साफ रहेगा और बदबू नहीं देगा।
विनोद शर्मा, आयुक्त नगर निगम