कलेक्टर ने कहा कि केंद्र में पर्याप्त बेड उपलब्ध होने के बाद भी पूरी क्षमता के साथ केंद्र नहीं चल रहा है। इसके लिए केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में किया जाए। ताकि पीड़ित बच्चों का उपचार केंद्र में लाकर करा सकें। उन्होंने केंद्र की व्यवस्थाओं के संबंध में भी विस्तार से निरीक्षण किया। कलेक्टर ने केंद्र में अपने बच्चे के उपचार के लिए आई एक माता से चर्चा की। उन्होंने महिला से पूछा कि लोग केंद्र में क्यों नहीं आते हैं तो उसका कहना था कि कभी जानकारी के अभाव में और कभी-कभी घर-परिवार की सहमति नहीं होने के कारण नहीं आ पाते हैं। बच्चे के उपचार के संबंध में जब पूछा गया तो उसने बताया कि तीन दिन में ही उसके बच्चे का वजन बढ़ा है।
निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ डॉ. आर नजरिया, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता, डीएचओ डॉ. प्रबल प्रताप सिंह, एनआरसी प्रभारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव, डीपीएम विजय भार्गव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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