मुरैना बस स्टैंड पर ग्वालियर जाने के लिए हर दस मिनट में बस हैं। आपको ग्वालियर आना है तो कौन सी बस में बैठना है इसको लेकर आप असंमजस में पड़ जाएंगे। क्योंकि कुछ बस गोले के मंदिर, कुछ बस स्टैंड और कुछ बहोड़ापुर तक आपको छोड़ेगी। आपको बिना बताए कंडक्टर बस में बैठा लेगा। आधे रास्ते में आपको पता चलेगा कि जहां आपको जाना है वहां ये बस नहीं जाएगी। दोनों के बीच बहस होगी फिर वह आपको बताएगा कि पीछे आ रही दूसरी बस में बैठा दूंगा वह छोड़ देगी। यह स्थिति लगभग रोज देखने को मिलती है।
गोले के मंदिर पर चौराहे पर छोड़ रही बस
गोले के मंदिर पर अस्थाई रूप से चौराहे के पास बस स्टैंड बनाया गया था। यहां से सरकारी बसों का संचालन होना था, लेकिन अब यहां पर भी प्राइवेट बसों का कब्जा है। इस स्टैंड पर न यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है, न किराया सूची और न ही रेट सूची हैं। चौराहे के पास सडक़ पर बसें खड़ी होती है यहां से रवाना होती है। यहीं हाल बहोड़ापुर बस स्टैंड का है। यहां भी बसें मानसिक आरोग्यशाला चौराहे के पास सडक़ पर खड़ी होती हैं। यहीं से यात्रियों को बैठाकर रवाना हो जाती हैं।फिटनेस और कागजात सही नहीं पाए जाने पर तीन बसें जब्त कीं
सिमरिया टेकरी पर प्रशासनिक और पुलिस टीम ने बसों का निरीक्षण किया। इस दौरान बसों की फिटनेस, प्रदूषण, ओवरलोङ्क्षडग, परमिट इत्यादि आदि की जांच की गई। 3 बसें फिटनेस एवं कागजात में कमी पाई जाने पर जब्त की गईं। इन बसों को जब्त कर तहसील कार्यालय में खड़ा कराया गया है।पुरानी छावनी पर उतार दी सवारियां
मुरैना से बस स्टैंड की बोलकर बस कंडक्टर ने सवारियां बैठा लीं। इसके बाद पुरानी छावनी पर आकर जिनको बहोड़ापुर जाना था उन सभी सवारियों को उतार दिया। इसके बाद पीछे बहोड़ापुर जाने वाली बस में उनको बैठा दिया और जिनको गोले के मंदिर जाना था उनको इस बस में बैठा लिया।इनका कहना है
रेलवे स्टेशन स्थित बस स्टैंड जाना था, लेकिन बस चालक ने गोले के मंदिर पर ही उतार दिया। अब यहां से 15 रुपए किराया खर्च कर रेलवे स्टेशन जाना पड़ेगा। मुरैना से बस चालक बोला था बस स्टैंड तक जाएंगे, लेकिन गोले के मंदिर छोड़ देगा ये पता नहीं। किराया और समय दोनों ही बर्बाद हो गया। अमित शर्मा, यात्री