ग्वालियर

मंत्री जी की विधानसभा में चोर दे रहे चुनौती, सबसे ज्यादा होती है ‘बिजली चोरी’

Gwalior Assembly:ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बिजली मंत्री रहते हुए शहर में कई बिजली के क्षेत्र में कई काम किए, लेकिन चोरी रोकने और बकाया वसूली में नाकाम रहे।

ग्वालियरDec 27, 2024 / 03:34 pm

Astha Awasthi

Pradhuman Singh Tomar

Gwalior Assembly: ग्वालियर की चारों विधानसभा में सबसे ज्यादा विकास कार्य ऊर्जा मंत्री की विधानसभा ग्वालियर में हुए हैं। एक समय पिछड़ी विधानसभा के रूप पहचान रखने वाली ग्वालियर विधानसभा में सडक़, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी काम किया है।
एलिवेटेड रोड, 132 केवी बिजली उपकेंद्र, रेलवे स्टेशन नवीनीकरण जैसी योजनाओं पर काम चल रहा है, जिनका काम पूरा होने के बाद इस विधानसभा की तस्वीर ही बदल जाएगी।

ऊर्जा मंत्री अपनी विधानसभा में चोरी रोकने में नाकाम

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बिजली मंत्री रहते हुए शहर में कई बिजली के क्षेत्र में कई काम किए, लेकिन चोरी रोकने और बकाया वसूली में नाकाम रहे। ऊर्जा मंत्री की विधानसभा में सबसे ज्यादा बिजली की चोरी होती है, लेकिन बिजली अधिकारी ऊर्जा मंत्री के कारण कार्रवाई नहीं करते हैं। ग्वालियर विधानसभा से बिजली कंपनी को सबसे कम राजस्व हासिल होता है।
ऊर्जा मंत्री की विधानसभा में करीब 162 करोड़ रुपए उपभोक्ताओं पर बकाया है, जिसकी वसूली नहीं हो पा रही है। शहर के चारों संभाग का बकाया देखे तो करीब 540 करोड़ रुपए है, जिसकी वसूली नहीं हो पा रही है। ग्वालियर विधानसभा के कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां खुलेआम चोरी हो रही है और उन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

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सिविल अस्पताल: सुविधाएं बढ़ी पर डॉक्टरों की दरकरार

सिविल अस्पताल हजीरा मेंसुविधाओं को बढ़ाया गया है। जहां पहले 500 मरीजों की ओपीडी होती थी वह अब बढ़कर 4000 तक पहुंच गई है। लेकिन गंभीर बीमारियों के इलाज के अभी जेएएच ही जाना पड़ता है। अस्पताल में कई पद खाली पड़े हैं। डॉक्टरों पदस्थ करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।

इन कारण से मंत्री का क्षेत्र पिछड़ा रहा…

  1. ग्वालियर विधानसभा में एक समय काफी उद्योग संचालित थे, लेकिन अब सारे ही बंद पड़े हैं, कई बार मंत्री ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सामने के सामने प्रस्ताव रख चुके हैं, लेकिन अभी तक प्रयास शुरू नहीं हुए।
  2. हजीरा चौराहे से किला गेट तक रास्ता का विस्तार करना था, इसके लिए अतिक्रमणों को भी तोड़ा गया था, लेकिन उसके बाद सौंदर्यीकरण के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। किलो गेट के आसपास का रास्ता सुगम नहीं है, इसलिए पर्यटक यहां से नहीं आते हैं।
  3. लाखों रुपए खर्च कर स्मार्ट सिटी ने इंटक मैदान पर चौपाटी का निर्माण कराया गया है, लेकिन एक साल बीतने को है, लेकिन अभी तक चौपाटी शुरू नहीं को सकी है। नई दुकानों की हालत भी काफी खराब हो चुकी है।

जेसी मिल श्रमिकों को पट्टे मिले, बकाया पर संशय

जेसी मिल के कुल 1800 आवास हैं, जिसमें से शासकीय भूमि पर पट्टे देने के लिए 710 श्रमिकों के नाम चिन्हित किए गए थे, जिसमें से प्रथम चरण में में 167 आवासों के पट्टे दिए गए। वहीं जेसी मिल के मजदूरों को अभी तक उनकी बकाया राशि नहीं मिली है। हुकुमचंद मिल के तरह जेसी मिल मजदूरों को बकाया दिलाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी उस पर संशय बना हुआ है, हालांकि सीएम ने आश्वासन दिया है, जल्द से जल्द भुगतान कर दिया जाएगा।

विरोध के कारण नहीं हो काम रुके

-हजीरा मंडी को शिफ्ट कर इंटक मैदान पर पहुंचा दिया गया, लेकिन इसका जमकर विरोध हुआ। हजीरा मंडी के स्थान पर काम्पलेक्स तैयार करना था, लेकिन दो साल बीतने को हैं काम शुरू नहीं हो सका। तानसेन मकबरे सहित आस-पास के क्षेत्रों से दुकानों को हटाकर नए कॉम्पलेक्स में शिफ्ट करने की योजना थी, जो ठंडे बस्ते में चली गई।
-एलिवेटेड रोड के रास्ते में आ रहे मकानों को हटाने के लिए लाल निशान लगा दिए हैं, लेकिन तोडऩे की कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है। ऊर्जा मंत्री ने प्रभावित होने वाले परिवारों को मुआवजा राशि देने का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई काम शुरू नहीं सका है।

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